प्याज की बढ़ती कीमत से जनता परेशान
– फोटो : अमर उजाला
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
दो दिनों में करीब 970 रुपये प्रति कुंतल बढ़ा दाम
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का औसत थोक भाव पिछले दो दिनों में करीब 970 रुपये प्रति कुंतल बढ़कर 4200 रुपये से 4500 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गया है। देश भर में नासिक के लासलगांव से प्याज भेजा जाता है। गोरखपुर में नासिक से आने वाला प्याज 45 से 48 रुपये, गुजरात के भावनगर से आने वाला प्याज 40 रुपये और बंगाल से आने वाला प्याज 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से थोक में बिक रहा है।
इसलिए महंगा हुआ प्याज
दरअसल कुछ समय पहले महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात हुई थी और ओले भी पड़े थे। इसकी वजह से प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ, जिसके कारण थोक मंडी में प्याज की आवक कम हो गई। इन सब कारकों से प्याज की कीमत बढ़ रही है। इतना ही नहीं, डीजल की कीमतें बढ़ने से माल भाड़े में बढ़ोतरी हो गई है। इसकी वजह से तकरीबन हर वस्तु महंगी हो गई है। खाने-पीने की चीजों से लेकर घर बनाने की निर्माण सामग्रियों की कीमतों में 15-20 फीसदी तक इजाफा हुआ है। आलू और प्याज के दामों में इजाफा होने का एक कारण डीजल का बढ़ा हुआ दाम भी है। इसकी कीमत उपभोक्ताओं को ही चुकानी पड़ रही है।
2020 में हुआ था ये बदलाव
मालूम हो कि पिछले साल ही ससंद में आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल पास हो गया था। बिल पास होने के बाद से अनाज, आलू, प्याज, खाद्य तेल जैसी चीजें आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं आती हैं। 15 सितंबर 2020 को आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी मिली थी। यह राज्यसभा से भी पास हो गया है। इस बिल में खाद्य पदार्थों जैसे अनाज, दालें और प्याज को नियंत्रण मुक्त करने का प्रावधान है।
Leave a Reply