वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, दुबई
Updated Mon, 28 Dec 2020 09:17 PM IST
विधायक पाबिंद्र डेका
– फोटो : Social Media
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डेका ने विधानसभा परिसर में कहा कि उन्होंने सदन से इसलिए इस्तीफा दिया है ताकि कोई इसका मुद्दा ना बनाए। विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ और पहले दिन 11 विधेयकों को पटल पर रखा गया है।
वर्ष 1985, 2001 और 2016 में विधायक निर्वाचित हुए दास पताचार्कुची विधानसभा की नुमाइंदगी करते हैं। वह एजीपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे और प्रफुल्ल कुमार महंत के नेतृत्व वाली एजीपी की पहली सरकार (1985-1990) में कैबिनेट मंत्री भी रहे।
पाबिंद्र डेका ने 15 दिसंबर को पार्टी से इस्तीफा दिया और अगले दिन एजेपी शामिल हो गए। 17 दिसंबर को वह एजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष चुन लिए गए। उनके इस्तीफे के बाद सदन में एजीपी के सदस्यों की संख्या 11 रह गई है।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्रनाथ गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस विधायक अंजता नेओग का इस्तीफा उसी दिन स्वीकार कर लिया था, जब 25 दिसंबर को उन्होंने त्याग पत्र दिया था। पार्टी ने नेओग को निष्कासित कर दिया है। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राज्य की दो दिवसीय यात्रा के दौरान उनसे मिली थी।
पाबिंद्र डेका ने कहा कि वह जल्द भाजपा में शामिल होंगी। वह पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की विश्वस्त नेओग 2001 से उनके नेतृत्व में बनी तीनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री रही थीं।
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