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36 मिनट पहले
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- SBI ने इस साल के सितंबर क्वॉर्टर में 4,038 करोड़ रुपये के लोन की रिकवरी की जबकि 5,617 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए
- SC ने कोविड-19 के चलते हुए डिफॉल्ट को अगले नोटिस तक NPA करार नहीं देने के लिए नहीं कहा होता तो यह Q2 में ज्यादा होता
देश के दो सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) में सितंबर क्वॉर्टर के दौरान तेज गिरावट आई। बैड लोन की क्वॉलिटी में सबसे ज्यादा सुधार SBI के मामले में देखा गया, जिसका शेयर सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (GNPA) का 20 पर्सेंट है। इसका GNPA इस सितंबर क्वॉर्टर में गिरकर 5.3 पर्सेंट पर रह गया जो पिछले सितंबर क्वॉर्टर में 7.2 पर्सेंट था।
पंजाब नेशनल बैंक का NPA घटकर 13.4 पर्सेंट रह गया
पब्लिक सेक्टर बैंकों के GNPA में 16 पर्सेंट शेयर वाले PNB का NPA सितंबर 2020 वाले क्वॉर्टर में घटकर 13.4 पर्सेंट पर आ गया, जो पिछले इसी क्वॉर्टर में 16.8 पर्सेंट था। GNPA बताता है कि बैंक के कुल कितने लोन का ब्याज आए तीन महीने से ज्यादा हो गया है।
SBI को ज्यादा रिकवरी और राइट ऑफ का फायदा मिला
सरकारी बैंकों के लोन की क्वॉलिटी में आए सुधार की सबसे बड़ी वजह कई बैंकों के लोन की रिकवरी में बढ़ोतरी और बड़े पैमाने पर हुए राइट ऑफ हैं। केयर रेटिंग्स के मुताबिक, SBI ने इस साल के सितंबर क्वॉर्टर में 4,038 करोड़ रुपये के लोन की रिकवरी की जबकि 5,617 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ किए।
Q2 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का NPA 8.81 पर्सेंट रह गया
दूसरे सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया का NPA 16.31 पर्सेंट से घटकर 13.79 पर्सेंट पर आ गया जबकि बैंक ऑफ महाराष्ट्र का NPA 16.86 पर्सेंट के लेवल से 8.81 पर्सेंट पर रह गया। इंडियन ओवरसीज बैंक का NPA 20 पर्सेंट से घटकर 13.04 पर्सेंट पर रहा जबकि यूको बैंक का NPA 21.87 पर्सेंट से गिरकर 11.62 पर्सेंट पर आ गया।
कोविड-19 वाले डिफॉल्ट को लेकर SC के निर्देशों का असर
केयर रेटिंग के मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट ने सभी बैंकों से कोविड-19 के चलते हुए डिफॉल्ट को अगले नोटिस तक NPA करार नहीं देने के लिए नहीं कहा होता तो दूसरे क्वॉर्टर में यह ज्यादा होता। बैंकों के डिस्क्लोजर पर हुई केयर रेटिंग की स्टडी के मुताबिक अगर ऐसे डिफॉल्ट वाले लोन एकाउंट को NPA करार दिया जाता तो ग्रॉस NPA 0.5-0.6 पर्सेंट ज्यादा होता। सबसे ज्यादा NPA रेशियो IDBI बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक का लगभग 25 पर्सेंट था।
ज्यादा प्रोविजन कवरेज रेशियो से घटा बैंकों का नेट NPA
सितंबर क्वॉर्टर में ज्यादा प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) के चलते सभी पब्लिक सेक्टर बैंकों का नेट NPA घटकर 2.1 लाख करोड़ रुपये पर आ गया जो पिछले सितंबर क्वॉर्टर में 4.5 लाख करोड़ रुपये था। सभी बैंकों का टोटल प्रोविजन कवरेज रेशियो (PCR) बढ़कर 80 पर्सेंट हो गया जो पिछले साल 68.9 पर्सेंट था। पब्लिक सेक्टर बैंकों के NPA में हुए सुधार के चलते सभी कमर्शियल बैंकों का GNPA रेशियो पिछले सितंबर क्वॉर्टर के 9.3 पर्सेंट और इस जून क्वॉर्टर के 8.2 पर्सेंट से बेहतर होकर 7.7 पर्सेंट पर आ गया।
टोटल इंटरेस्ट इनकम में हुई 0.8 पर्सेंट की बढ़ोतरी
जहां तक प्रॉफिट एंड लॉस की बात है तो इंटरेस्ट रेट में गिरावट आने और कम लोन डिस्बर्समेंट होने से बैंकों की टोटल इंटरेस्ट इनकम में सितंबर क्वॉर्टर के दौरान 0.8 पर्सेंट की मामूली बढ़ोतरी हुई। डिपॉजिट रेट में आ रही गिरावट के चलते बैंकों के इंटरेस्ट एक्सपेंस में 8 पर्सेंट की कमी आई जो पिछले सितंबर क्वॉर्टर में 9.4 पर्सेंट बढ़ गई थी।
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