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पांच राज्यों के राजस्व में नहीं आया कोई अंतर
शेष पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में कोई अंतर नहीं आया है। केंद्र ने जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए अक्तूबर 2020 में राज्यों के लिए कर्ज जुटाने की एक विशेष सुविधा शुरू करवायी है। केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से इस सुविधा के जरिए बाजार से उधार लिया जा रहा है।
औसतन 4.83 फीसदी ब्याज पर उधार ली राशि
मंत्रालय ने बताया कि, ‘केंद्र सरकार द्वारा विशेष ऋण सुविधा के माध्यम से औसतन 4.83 फीसदी की ब्याज दर पर 1,00,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है। इसमें से 91,460.34 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को जारी की गई है और 8,539.66 करोड़ रुपये की राशि तीन केंद्र शासित राज्यों के लिए जारी की गई है।’
अगस्त में राज्यों को दिए थे दो विकल्प
मंत्रालय ने कहा था कि वह हर सप्ताह राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये जारी करेगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस व्यवस्था से केंद्र के राजकोषीय घाटे पर असर नहीं होगा और यह राज्य सरकारों की पूंजी प्राप्ति के रूप में प्रदर्शित होगा। केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर अगस्त 2020 में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। पहला वह जीएसटी क्रियान्वयन के कारण राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक की विशेष खिड़की से ले या फिर कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये (इसमें 1.38 लाख करोड़ रुपये कोविड संकट के कारण) बाजार से ऋण ले। इस राशि को संशोधित कर बाद में क्रमश: 1.10 लाख करोड़ रुपये और 1.8 लाख करोड़ रुपये किया गया।
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