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- China BBC Ban| China Banned BBC World News After Coronavirus And Uighur (Uyghurs) Muslims Women Rape Expose.
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बीजिंग/लंदनएक मिनट पहले
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लंदन में BBC के ऑफिस के बाहर मौजूद लोग। चीन ने BBC को अपने देश में बैन कर दिया है। ब्रिटेन और चीन के बीच पिछले साल से ही हॉन्गकॉन्ग के अलावा दूसरे कुछ मुद्दों पर भी विवाद जारी हैं।
चीन की सरकार को सच्चाई से परहेज है। इसका एक और उदाहरण गुरुवार रात सामने आया। शी जिनपिंग सरकार ने BBC World News को बैन कर दिया। हालिया दो महीनों में BBC ने चीन से जुड़े दो अहम खुलासे किए थे। उसने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कोरोनावायरस के मामले पर चीन कैसे दुनिया से सच्चाई छिपा रहा है। इसके बाद पिछले हफ्ते BBC ने एक रिपोर्ट में बताया था कि चीन में उईगर मुस्लिमों के डिटेंशन कैम्प्स में महिलाओं से गैंगरेप किए जाते हैं।
दूसरी तरफ, चीन का आरोप है कि BBC जानबूझकर झूठ और अफवाह फैला रहा है, उसकी खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और यह चीन को बदनाम करने की साजिश है।
ब्रिटेन से रिश्तों में तनाव
BBC पर बैन के बाद चीन की तरफ से कहा गया- इस न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने हमारे देश की गाइडलाइन्स को फॉलो नहीं किया। हालांकि, एक बात इसी मामले से और जुड़ी है। BBC मूल रूप से ब्रिटेन का ऑर्गनाइजेशन है। ब्रिटिश सरकार ने पिछले दिनों चीन के CGTN न्यूज चैनल का लाइसेंस यह कहते हुए रिन्यू करने से इनकार कर दिया था कि यह वहां की सरकार और सेना के इशारे पर प्रोपेगंडा फैलाता है। दोनों देशों के बीच हॉन्गकॉन्ग को लेकर पहले ही काफी तनाव है।
बोरिस जॉनसन की ब्रिटेन सरकार ने सितंबर में चीन को बहुत बड़ा झटका दिया था। जॉनसन ने चीन की हुबेई कंपनी को 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट देने से इनकार कर दिया था। खास बात यह है कि हुबेई और ब्रिटेन के बीच ठेके पर शुरुआती सहमित बन गई थी। बाद में ब्रिटेन ने कहा था- हुबेई के जरिए चीन की सेना और सरकार दूसरे देशों में जासूसी का नेटवर्क तैयार कर रही है। इसके बाद ब्राजील, स्वीडन और कनाडा ने भी यही फैसला किया था।

चीन में उईगर डिटेंशन कैम्प में रह चुकी एक महिला ने पिछले हफ्ते BBC World News को एक इंटरव्यू में इन सेंटर्स की खौफनाक सच्चाई बताई थी। इस महिला ने कहा था- वहां सैकड़ों लोगों के सामने उईगर महिलाओं से गैंगरेप किया जाता। इस दौरान कई महिलाओं की मौत हो जाती है। अब यह महिला अमेरिका में मौजूद है।
चीन ने कहा- हमें अपने हितों की चिंता
BBC पर बैन लगाए जाने के बाद चीन ने कहा- हमने ब्रॉडकास्टिंग के लिए गाइडलाइन्स तय की हैं। ये माननी ही होंगी। किसी को भी झूठ और अफवाह फैलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हम अपने राष्ट्रीय हितों को सबसे पहले रखते हैं। हमें इनकी फिक्र है। इस बारे में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
दूसरी तरफ, BBC ने एक बयान में कहा- चीन सरकार के इस फैसले से हम निराश हैं। हालांकि, यह नया फैसला नहीं है, क्योंकि लंबे वक्त से वहां के इंटरनेशनल होटल्स और कुछ अहम जगहों पर हमारे चैनल का टेलिकास्ट रोक दिया गया था। हम पहले की तरह निष्पक्ष रिपोर्टिंग करते रहेंगे।
अमेरिका ने बैन का विरोध किया
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब ने कहा- यह मीडिया के जरिए सच की आवाज को रोकने की साजिश है। हम इस बैन के खिलाफ हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा- हम चीन के इस कदम का विरोध करते हैं।
चीन को दो बातों से परेशानी हुई
पहली- दो महीने पहले बड़ी मुश्किल के बाद चीन ने BBC को कोरोनावायरस प्रभावित क्षेत्रों में रिपोर्टिंग की मंजूरी दी। जब चैनल की टीम पहुंची तो खुफिया एजेंसियों के लोगों ने तमाम दिक्कतें पैदा कीं। रास्तों पर गाड़ियां खड़ी कर दी गईं। गांवों को खाली करा दिया और स्थानीय लोगों को चैनल से बातचीत करने से रोका। उन लैब्स में भी नहीं जाने दिया गया, जहां से वायरस फैलने का शक था।
दूसरी- चीन के शिनजियांग प्रांत में उईगर मुस्लिम रहते हैं। चीन इनकी पहचान मिटाने पर तुला है। इन्हें डिटेंशन कैम्प्स में रखा गया है। BBC ने इन कैम्प्स में रह चुकीं और अब अमेरिका में मौजूद कुछ महिलाओं की जुबानी इन कैम्प्स की रोंगटे खड़ी करने वाली सच्चाई उजागर की। इन महिलाओं ने बताया- चीनी सैनिक महिलाओं से सबके सामने गैंगरेप करते हैं। पुरुषों की नसबंदी कर दी जाती है। कुछ महिलाओं के तो गर्भाशय निकाल दिए गए ताकि वे भविष्य में कभी मां न बन सकें।
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