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You are here: Home / International / China Has Amended Its Juvenile Criminal Law Children Aged 12 To 14 Will Now Be Held Criminally Liable Could Face Punishment – चीन ने किशोर कानून में किया संशोधन, अब 12-14 वर्ष की आयु के अपराधियों को मिलेगी सजा

China Has Amended Its Juvenile Criminal Law Children Aged 12 To 14 Will Now Be Held Criminally Liable Could Face Punishment – चीन ने किशोर कानून में किया संशोधन, अब 12-14 वर्ष की आयु के अपराधियों को मिलेगी सजा

February 21, 2021Leave a Comment

चीन का ध्वज (फाइल फोटो)
– फोटो : Pixabay


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चीन ने अपने किशोर आपराधिक कानून में संशोधन किया है, जो 1 मार्च से प्रभावी हो जाएगा। इस कानून के तहत 12 साल के युवाओं को भी सजा के दायरे में लाया गया है। संशोधित कानून में कहा गया है कि 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अब जानबूझकर हत्या या जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा। उन्हें ऐसे ‘अत्यंत क्रूर’ अपराधों के लिए मृत्यु या गंभीर विकलांगता की सजा दी जाएगी।

दिसंबर में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी), देश के शीर्ष विधायी निकाय की स्थायी समिति द्वारा संशोधन को मंजूरी दी गई थी। संशोधन के तहत आपराधिक जिम्मेदारी की उम्र 16 पर अपरिवर्तित रहेगी। हालांकि 14 से 16 वर्ष की आयु के किशोर को भी आपराधिक सजा का सामना करना पड़ेगा अगर वे जानबूझकर आत्महत्या, जानबूझकर चोट पहुंचाने, दुष्कर्म या डकैती जैसे अपराध में शामिल होते हैं।

इसी बीच विशेष परिस्थितियों को अभी तक निर्दिष्ट नहीं किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी और इस तरह के अभियोगों को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में आपराधिक जिम्मेदारी की आयु न्यूनतम करने के कदम ने देश को चौंका दिया है और व्यापक चिंता पैदा की है।

हालांकि एनपीसी स्थायी समिति के विधायी मामलों के आयोग के एक अधिकारी गुओ लिनमाओ ने कहा कि युवा अपराधियों को आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराने की प्रथा का अभी भी विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि इस तरह के मामलों में आपराधिक सजा हमेशा लागू होती है। गुओ की नजर में प्रभावी पुनर्वास के बिना युवा अपराधियों को सलाखों के पीछे डालना एक समझदार विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि सुधारात्मक शिक्षा और उम्र में संशोधन किशोर अपराधों से निपटने में बड़ी भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से उन अपराधियों द्वारा जो छोटी उम्र में अपराध को अंजाम देते हैं। लियो ने कहा कि किशोर मामलों को हैंडल (संभालते) करते समय शिक्षा के सिद्धांत को प्रथम और दंडित को दूसरे पर रखना चाहिए क्योंकि युवा अपराधियों को सही रास्ते पर लाना परम लक्ष्य है।

चीन ने अपने किशोर आपराधिक कानून में संशोधन किया है, जो 1 मार्च से प्रभावी हो जाएगा। इस कानून के तहत 12 साल के युवाओं को भी सजा के दायरे में लाया गया है। संशोधित कानून में कहा गया है कि 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को अब जानबूझकर हत्या या जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी ठहराया जाएगा। उन्हें ऐसे ‘अत्यंत क्रूर’ अपराधों के लिए मृत्यु या गंभीर विकलांगता की सजा दी जाएगी।

दिसंबर में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी), देश के शीर्ष विधायी निकाय की स्थायी समिति द्वारा संशोधन को मंजूरी दी गई थी। संशोधन के तहत आपराधिक जिम्मेदारी की उम्र 16 पर अपरिवर्तित रहेगी। हालांकि 14 से 16 वर्ष की आयु के किशोर को भी आपराधिक सजा का सामना करना पड़ेगा अगर वे जानबूझकर आत्महत्या, जानबूझकर चोट पहुंचाने, दुष्कर्म या डकैती जैसे अपराध में शामिल होते हैं।

इसी बीच विशेष परिस्थितियों को अभी तक निर्दिष्ट नहीं किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामला-दर-मामला आधार पर इसकी समीक्षा की जाएगी और इस तरह के अभियोगों को सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में आपराधिक जिम्मेदारी की आयु न्यूनतम करने के कदम ने देश को चौंका दिया है और व्यापक चिंता पैदा की है।

हालांकि एनपीसी स्थायी समिति के विधायी मामलों के आयोग के एक अधिकारी गुओ लिनमाओ ने कहा कि युवा अपराधियों को आपराधिक रूप से जिम्मेदार ठहराने की प्रथा का अभी भी विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि इस तरह के मामलों में आपराधिक सजा हमेशा लागू होती है। गुओ की नजर में प्रभावी पुनर्वास के बिना युवा अपराधियों को सलाखों के पीछे डालना एक समझदार विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि सुधारात्मक शिक्षा और उम्र में संशोधन किशोर अपराधों से निपटने में बड़ी भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से उन अपराधियों द्वारा जो छोटी उम्र में अपराध को अंजाम देते हैं। लियो ने कहा कि किशोर मामलों को हैंडल (संभालते) करते समय शिक्षा के सिद्धांत को प्रथम और दंडित को दूसरे पर रखना चाहिए क्योंकि युवा अपराधियों को सही रास्ते पर लाना परम लक्ष्य है।

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Filed Under: International Tagged With: amendment, china, criminal responsibility, death, Disability, education, intentional homicide, Juvenile criminal law, national peoples congress, offenders, punishment, sexual harrasment, standing committee, supreme peoples court, with effect, World Hindi News, World News in Hindi, young offenders, अपराधी, कानून, किशोर आपराधिक कानून, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस, यौन शोषण, शिक्षा, सजा, संशोधन

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