चीन द्वारा जारी किए गए वीडियो का एक दृश्य
– फोटो : twitter.com/shen_shiwei
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
इस वीडियों में भारत और चीन की सेना के बीच हुई इस झड़प के कथित अंश शामिल हैं। वीडियो के जरिए चीन ने एक बार फिर गलवां घाटी झड़प का इल्जाम भारत के माथे पर मढ़ने की कोशिश की है। ऐसे समय में जब लद्दाख में दोनों देश अपनी सेनाओं को वापस बुला रहे हैं, चीन का यह कदम एक बार फिर शांति के प्रयासों को झटका दे सकता है।
वीडियो में चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की तस्वीरें दिखाई हैं और झड़प शुरू करने का आरोप भारत पर लगाने की कोशिश की है। वीडियो चीन की सरकारी मीडिया ने जारी किया है। इसमें भारत का नाम लिए बगैर कहा गया है अप्रैल 2020 में विदेशी सेना ने पूर्व के समझौते तोड़ते हुए सीमा पारकर सड़क व पुल बनाने शुरू किए। जिससे यहां तनाव बढ़ा।
इससे पहले शुक्रवार को चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह माना कि गलवां घाटी झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए थे। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन सेना के अखबार पीएलए डेली के हवाले से कहा कि इन सैनिकों को सम्मानित किया गया है। हालांकि, अमेरिका की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।
सैन्य कमांडर वार्ता से पहले वीडियो जारी करने के हैं मायने
इस वीडियो में भारतीय सेना पर ही हमला करने का आरोप लगाया गया है। चीन की सेना दावा करना चाह रही है कि हमला चीनी सैनिकों ने नहीं भारतीय सैनिकों ने किया था। चीन के सैनिकों ने अपने दावे की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई की। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि भारतीय सैनिकों को बड़ी संख्या में चीन के सैनिकों ने घेर लिया था। चीन के इस दावे का मकसद यह बताना है कि हिंसक झड़प को लेकर भारत गलत दावे कर रहा था। उसने अपने केवल चार सैनिकों के ही मारे जाने का दावा किया है। इस वीडियो का मकसद सैन्य डिप्लोमेसी को तेज करते हुए अवधारणा को बदलना है।
भारतीय सेना ने नहीं दिया जवाब
गलवां वैली में खूनी संघर्ष और चीन की सरकारी मीडिया द्वारा वीडियो जारी करने के बाद भारत सेना अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वायुसेना के अवकाश प्राप्त वाइस एयर मार्शल एनबी सिंह कहते हैं कि आठ महीने बाद वीडियो जारी करने के कुछ तो मायने हैं। चीन यहां भी नई चाल चल रहा है। हालांकि एनबी सिंह का कहना है कि इस तरह की स्थितियों से निबटने में भारत सक्षम है। कभी कभी सैन्य मामलों में कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे भी यहां यही ठीक लग रहा है। भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय को इस संवेदनशील विषय पर संभलकर ही चलना चाहिए। एनबी सिंह ने कहा कि चीन के वीडियो जारी करने से ही लोग सच नहीं जानेंगे। अब इस बारे में कोई असलियत छिपी नहीं है।
Leave a Reply