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12 दिन पहले
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- इम्युनिटी दो तरह की होती है, पहली- नेचुरल और दूसरी वैक्सीन से मिलने वाली
कोरोना संक्रमण के दौर में इम्युनिटी लगातार चर्चा में है। शरीर में जब कोई बैक्टीरिया या वायरस आता है तो इम्युनिटी उससे लड़ती है। अच्छी बात यह है कि आप अपनी इम्युनिटी को बेहतर बना सकते हैं। आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ इम्युनिटी घटती है, लेकिन लंदन के किंग्स कॉलेज में 80 साल से अधिक उम्र के 125 साइकिलिस्ट पर हुई रिसर्च बताती है कि इस उम्र में भी रेग्युलर एक्सरसाइज से इम्युनिटी को 20 साल के युवा जैसा रखा जा सकता है।
वैक्सीन और हेल्थ सिस्टम एक्सपर्ट डॉ. चंद्रकांत लहारिया बता रहे हैं, इम्युनिटी के बारें में 4 खास बातें…
1. इम्युनिटी दो तरह की, जन्मजात और वैक्सीन वाली
इम्युनिटी वह क्षमता है जो शरीर के अंदर और बाहर पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों और सूक्ष्मजीवों को पहचानने और उन्हें खत्म करने की पावर शरीर को देती है। इम्यून सिस्टम शरीर में एंटीबॉडी और खास प्रकार के टी-सेल्स का निर्माण करता है। यह शरीर के अलग-अलग अंग जैसे- थायमस, स्प्लीन, लिम्फनोड्स और बोनमेरो मिलकर काम करते हैं।
इम्युनिटी दो प्रकार की होती है। पहली है, नेचुरल इम्युनिटी। यह जन्मजात होती है। हर स्थिति में एक तरीके से काम करती है। दूसरी है, एडॉप्टिव। यह किसी खास बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने के लिए होती है। वैक्सीन लगवाने के बाद इस तरह की इम्युनिटी पैदा होती है।

ये हैं लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर नाॅर्मन लोजारेस (नीले कपड़े में)। एक रिसर्च के बाद इनकी इम्युनिटी 82 की उम्र में 20 साल के युवाओं जैसी पाई गई। नियमित साइकिलिंग इनकी आदत में शामिल है।
2. मौसम का इम्युनिटी पर नहीं होता असर
इम्युनिटी शरीर के अंदर होती है। इस पर बाहरी फैक्टर्स जैसे कि मौसम में बदलाव आदि का असर नहीं होता है। हालांकि, मौसम किसी भी इंसान की सेहत पर असर डाल सकता है। जैसे सर्दियों में कम तापमान में कुछ वायरस आसानी से फैलते हैं। साथ ही सर्दियों में लोग एक-दूसरे के काफी नजदीक रहते हैं जिससे इन वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।
3. ज्यादा चीनी, कम नींद मतलब इम्युनिटी कमजोर
सोते समय इम्यून सिस्टम साइटोकाइन नाम का प्रोटीन रिलीज करता है। कम नींद लेने से साइटोकाइन का बनना प्रभावित होता है। एक्सरसाइज से एंटीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स में बदलाव होते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स बीमारियों से लड़ने का काम करती है। ये बीमारी को आसानी से पकड़ सकती हैं। बीमारी का खतरा भी कम होता है। कम नींद, अधिक एंग्जाइटी और तनाव, डाइट में अधिक चर्बी और शुगर वाला फूड, धूम्रपान और कुछ दवाइयां जैसे कि स्टेरॉयड इम्युनिटी को कमजोर कर सकते हैं।
4. कमजोर इम्युनिटी यानी बीमारी से लंबा संघर्ष
कमजोर इम्युनिटी का सीधा मतलब कि इंसान को वायरस और बैक्टीरिया से बचाव के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। वह आसानी से बीमार पड़ेगा और ठीक होने में अधिक समय लगेगा। मजबूत इम्युनिटी वाले लोगों की तुलना में इनमें संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखाई पड़ते हैं। कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके चलते इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है ऐसे इंसानों में दूसरी बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
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