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एक वर्ष पहले
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यूटिलिटी डेस्क. इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा केवल कॉमर्शियल वाहन खरीदने पर ही मिलेगा। सरकार ने शुक्रवार को साफ कहा कि इसका लाभ निजी या प्राइवेट तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को नहीं मिलेगा। दिल्ली में भारत-यूके इलेक्ट्रिक मोबिलिटी फोरम-2019 में बोलते हुए केंद्रीय हेवी इंडस्ट्रीज एंड पब्लिक एंटरप्राइजेज राज्य मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल ने कहा कि सरकार का इरादा केवल कॉमर्शियल वाहन के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाना है और केवल इन वाहनों के मालिकों को ही इंसेंटिव का फायदा दिया जाएगा।
1) योजना पर तेजी से काम कर रही सरकार
केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फास्टर एडोप्सन एंड मेन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम)-2 योजना शुरू की है।
– इसके तहत आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की खरीदारी पर 10 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी इलेक्ट्रिक थ्री और फोर व्हीलर्स को दी जाएगी।
– दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल निजी उपयोग के लिए किया जाता है। विभिन्न ऑटोमोबाइल कंपनियों ने निजी इस्तेमाल वाले इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर्स के लिए भी सब्सिडी देने की मांग की है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की रणनीति पर चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने बड़े शहरों में चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए आवेदन मांगे हैं।
– केंद्रीय मंत्री का कहना है कि पहले उन शहरों में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनकी आबादी 10 लाख से ज्यादा है। फिलहाल 1000 चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मांगे गए हैं।
– उन्होंने कहा कि हम सभी चार्जिंग स्टेशन को सोलर पावर प्लांट के ग्रिड से जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार 2030 से देश में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की ही बिक्री होगी। सरकार इसके लिए रोडमैप तैयार कर रही है। इसके तहत पूरे देश में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा।
– सरकार की योजना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट्स लगाए जाएं।
– सरकार नीति आयोग, भारी उद्योग मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय और बिजली मंत्रालय के सहयोग से ई-चार्जिंग स्टेशन नीति तैयार कर रही है। शुरुआत में यह योजना ज्यादा प्रदूषित बड़े शहरों में ही लागू हो सकती है।
– नीति आयोग के प्रस्ताव में अप्रैल 2023 से तिपहिया वाहनों और अप्रैल 2025 से 150सीसी तक के दोपहिया वाहनों और अप्रैल 2026 से टैक्सियों को सड़कों से बाहर करने की योजना है। इनकी जगह सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन सुनिश्चित करेगी।
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