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वित्त मंत्रालय ने कहा, व्यापक डाटा विश्लेषण के जरिये पूवी दिल्ली के जीएसटी अधिकारियों को इन 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क की पहचान करने और उनके काले धंधे की परतें उखाड़ने में मदद मिली। इन फर्मों को 2017 से संचालित किया जा रहा था और बहुत सारे लोगों को नकली बिलों के जरिये फर्जी आईटीसी का लाभ दिलाया जा चुका है। इन लोगों की पहचान की जा रही है।
मंत्रालय ने कहा, जांच में सामने आया कि इन फर्मों और इस काले नेटवर्क पर अरविंद कुमार और उसके सहयोगियों का नियंत्रण है। अरविंद कुमार को 17 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
मंत्रालय के मुताबिक, अरविंद के एक खास सहयोगी कमल सिंह सोलंकी ने भी फर्जी बिलों के इस रैकेट में शामिल होने की बात स्वीकार की है। कमल ने बताया है कि करीब 541.13 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए जा चुके हैं, जिनसे 82.23 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी वसूला जा चुका है। हालांकि आगे जांच में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। कमल सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
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दिल्ली जोन चार साल में पकड़ चुका है 3700 करोड़ की टैक्स चोरी
मंत्रालय के मुताबिक, जीएसटी सेंट्रल टैक्स दिल्ली जोन साल 2017 में अपने गठन के बाद से अब तक 3791.65 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ चुका है। साथ ही इससे जुड़े मामलों में 21 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुका है।
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