• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • About
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact

Daily Hindi News

Sabse Pahle Hindi News

  • Home
  • Business
  • Career
  • Entertainment
  • Health/Life style
  • Sports
  • Tech
  • Auto
  • International
  • Other
    • Women
    • Mobile
    • Gadgets
    • Mobile Apps
    • Sarkari Naukri
    • Car Reviews
You are here: Home / Tech / If Data Collected During Covid 19 Reaches The Hands Of Private Companies, Then What Will Happen – कोविड के दौरान एकत्रित डाटा व सर्विलांस अगर निजी कंपनियों के हाथों में पहुंचा तो न निजता बचेगी और न सरकारें

If Data Collected During Covid 19 Reaches The Hands Of Private Companies, Then What Will Happen – कोविड के दौरान एकत्रित डाटा व सर्विलांस अगर निजी कंपनियों के हाथों में पहुंचा तो न निजता बचेगी और न सरकारें

January 13, 2021Leave a Comment

aarogya setu app
– फोटो : amar ujala/प्रदीप पाण्डेय


पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।

*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

कोविड के दौरान एकत्रित डाटा और सर्विलांस का दुरुपयोग होता है तो उसका असर न केवल सामान्य आदमी की निजता पर पड़ेगा, बल्कि इसकी मदद से सरकारों को भी अस्थिर किया जा सकता है। ये खतरा, दुनिया के साइबर विशेषज्ञों के बीच एक बड़ी बहस के तौर पर सामने आ रहा है। भारत जैसे देश में भले ही सरकार ने कह दिया है कि कोरोना के दौरान किसी भी तरह से मसलन आरोग्य सेतु एप के जरिए जो भी डाटा सुरक्षित किया गया था, वह एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाएगा।

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं कि जिन देशों में मजबूत डाटा निजता कानून है, वहां कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। अगर निजता की रक्षा के लिए कानून नहीं है तो वहां प्राइवेट कंपनियां बड़ा खेल कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में निजता के साथ तो खिलवाड़ होगा ही, सरकारें भी हिल सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद की साइबर स्थिति को लेकर बहुत से देश परेशान हैं। कोविड 19 में तकरीबन सभी देशों ने अपने नागरिकों का डाटा एकत्रित किया है। सर्विलांस के लिए अलग से प्लेटफार्म तैयार किए गए थे। अब जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप कम होता जा रहा है तो लोगों को यह डर लगने लगा है कि उनकी निजता कहीं खतरे में न पड़ जाए।

महामारी के दौरान तो किसी भी राष्ट्र के लोगों ने उस वक्त आवाज नहीं उठाई, जब उनका डाटा जुटाया जा रहा था। वजह, उस समय सरकार और जनता, सभी का ध्यान कोरोना से निजात पाना था। सरकारों ने लोगों को अपने-अपने तरीके से यह बात समझाने का प्रयास किया था कि कोरोना में जो भी डाटा एकत्रित किया गया है या सर्विलांस प्रक्रिया अपनाई गई है, उसका एकमात्र मकसद केवल महामारी से लड़ना रहा है। उसका दुरुपयोग नहीं होगा। इसके बावजूद अनेक देशों में लोगों के मन में यह आशंका बराबर बनी हुई है कि अब सरकार के पास उनका जो डाटा है, उसके जरिए उनकी आजादी में तो सेंध नहीं लगने जा रही है।

साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक लोग अपनी निजता को लेकर बहुत चिंतित हैं। वे सोच रहे हैं कि उनकी कई अहम जानकारियां तो पहले से ही प्राइवेट कंपनियों के पास रही हैं तो अब वे सब सूचनाएं सरकार को भी एक साथ मिल गई हैं। इससे तो लोगों की जिंदगी पर सरकारों का नियंत्रण बढ़ सकता है। देश में सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों की निजी जानकारियां थोक में बेची जा रही हैं। निजता के डाटा की बोली लगती है। फेस रिकॉग्निशन और डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसी तकनीक लोगों पर एक पहरे का काम करेंगी। चीन जैसे राष्ट्रों में तो इस डाटा के इस्तेमाल से लोगों की आजादी पर एक नया अंकुश लग गया है।

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं, ये बात सही है कि इस डाटा का दुरुपयोग हो सकता है। कई देशों में सरकारों को अस्थिर करने जैसा कुछ संभावित है। वजह, अनेक देशों में निजता को लेकर प्रभावी कानून नहीं है। इसका इस्तेमाल दूसरे राष्ट्रों की प्राइवेट कंपनियां कर सकती हैं। हालांकि सरकार यह दावा करती है कि कोविड 19 के दौरान जो भी डाटा एकत्रित किया गया है, वह पूरी तरह सुरक्षित है। वह गलत हाथों में नहीं जा रहा। एक समय सीमा के बाद वह खुद ही नष्ट हो जाएगा। भारत सरकार ने ऐसी बात कही है।

अब बात आती है विदेशी कंपनियों की, जो इस डाटा पर नजर रखे हुए हैं। चुनाव में यही कंपनियां सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए गणित बिगाड़ सकती हैं। लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ कर ये कंपनियां सरकारों को अस्थिर करने जैसे कदम उठाने में भी पीछे नहीं रहती हैं। ये कंपनियां दूर बैठकर हमारी लोकतंत्र प्रणाली को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्राइवेसी, मौलिक अधिकार है। अब ये तभी संभव है, जब मजबूत कानून होगा। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द मजबूत कानून बनाकर उसे लागू किया जाए। इसमें ऐसे प्रावधान शामिल हों कि प्राइवेट कंपनियां किसी भी तरह से लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ न कर सकें।

सार

साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक लोग अपनी निजता को लेकर बहुत चिंतित हैं। वे सोच रहे हैं कि उनकी कई अहम जानकारियां तो पहले से ही प्राइवेट कंपनियों के पास रही हैं तो अब वे सब सूचनाएं सरकार को भी एक साथ मिल गई हैं। इससे तो लोगों की जिंदगी पर सरकारों का नियंत्रण बढ़ सकता है…

विस्तार

कोविड के दौरान एकत्रित डाटा और सर्विलांस का दुरुपयोग होता है तो उसका असर न केवल सामान्य आदमी की निजता पर पड़ेगा, बल्कि इसकी मदद से सरकारों को भी अस्थिर किया जा सकता है। ये खतरा, दुनिया के साइबर विशेषज्ञों के बीच एक बड़ी बहस के तौर पर सामने आ रहा है। भारत जैसे देश में भले ही सरकार ने कह दिया है कि कोरोना के दौरान किसी भी तरह से मसलन आरोग्य सेतु एप के जरिए जो भी डाटा सुरक्षित किया गया था, वह एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाएगा।

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं कि जिन देशों में मजबूत डाटा निजता कानून है, वहां कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। अगर निजता की रक्षा के लिए कानून नहीं है तो वहां प्राइवेट कंपनियां बड़ा खेल कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में निजता के साथ तो खिलवाड़ होगा ही, सरकारें भी हिल सकती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के बाद की साइबर स्थिति को लेकर बहुत से देश परेशान हैं। कोविड 19 में तकरीबन सभी देशों ने अपने नागरिकों का डाटा एकत्रित किया है। सर्विलांस के लिए अलग से प्लेटफार्म तैयार किए गए थे। अब जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप कम होता जा रहा है तो लोगों को यह डर लगने लगा है कि उनकी निजता कहीं खतरे में न पड़ जाए।

महामारी के दौरान तो किसी भी राष्ट्र के लोगों ने उस वक्त आवाज नहीं उठाई, जब उनका डाटा जुटाया जा रहा था। वजह, उस समय सरकार और जनता, सभी का ध्यान कोरोना से निजात पाना था। सरकारों ने लोगों को अपने-अपने तरीके से यह बात समझाने का प्रयास किया था कि कोरोना में जो भी डाटा एकत्रित किया गया है या सर्विलांस प्रक्रिया अपनाई गई है, उसका एकमात्र मकसद केवल महामारी से लड़ना रहा है। उसका दुरुपयोग नहीं होगा। इसके बावजूद अनेक देशों में लोगों के मन में यह आशंका बराबर बनी हुई है कि अब सरकार के पास उनका जो डाटा है, उसके जरिए उनकी आजादी में तो सेंध नहीं लगने जा रही है।

साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक लोग अपनी निजता को लेकर बहुत चिंतित हैं। वे सोच रहे हैं कि उनकी कई अहम जानकारियां तो पहले से ही प्राइवेट कंपनियों के पास रही हैं तो अब वे सब सूचनाएं सरकार को भी एक साथ मिल गई हैं। इससे तो लोगों की जिंदगी पर सरकारों का नियंत्रण बढ़ सकता है। देश में सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों की निजी जानकारियां थोक में बेची जा रही हैं। निजता के डाटा की बोली लगती है। फेस रिकॉग्निशन और डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग जैसी तकनीक लोगों पर एक पहरे का काम करेंगी। चीन जैसे राष्ट्रों में तो इस डाटा के इस्तेमाल से लोगों की आजादी पर एक नया अंकुश लग गया है।

साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन कहते हैं, ये बात सही है कि इस डाटा का दुरुपयोग हो सकता है। कई देशों में सरकारों को अस्थिर करने जैसा कुछ संभावित है। वजह, अनेक देशों में निजता को लेकर प्रभावी कानून नहीं है। इसका इस्तेमाल दूसरे राष्ट्रों की प्राइवेट कंपनियां कर सकती हैं। हालांकि सरकार यह दावा करती है कि कोविड 19 के दौरान जो भी डाटा एकत्रित किया गया है, वह पूरी तरह सुरक्षित है। वह गलत हाथों में नहीं जा रहा। एक समय सीमा के बाद वह खुद ही नष्ट हो जाएगा। भारत सरकार ने ऐसी बात कही है।

अब बात आती है विदेशी कंपनियों की, जो इस डाटा पर नजर रखे हुए हैं। चुनाव में यही कंपनियां सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए गणित बिगाड़ सकती हैं। लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ कर ये कंपनियां सरकारों को अस्थिर करने जैसे कदम उठाने में भी पीछे नहीं रहती हैं। ये कंपनियां दूर बैठकर हमारी लोकतंत्र प्रणाली को प्रभावित करने में सक्षम हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्राइवेसी, मौलिक अधिकार है। अब ये तभी संभव है, जब मजबूत कानून होगा। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द मजबूत कानून बनाकर उसे लागू किया जाए। इसमें ऐसे प्रावधान शामिल हों कि प्राइवेट कंपनियां किसी भी तरह से लोगों की निजता के साथ खिलवाड़ न कर सकें।

Source link

Filed Under: Tech Tagged With: aarogya setu, aarogya setu data breach, coronavirus, covid-19, cyber laws, data breach, data hacker, data privacy, Tech Diary Hindi News, Tech Diary News in Hindi, Technology News in Hindi

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Subscribe to get latest updates first!

Loading

Recent Posts

  • Hindi News International Coronavirus Novel Corona Covid 19 11 November | Coronavirus Novel Corona Covid 19 News World Cases Novel Corona Covid 19 | रिकवरी के बाद हर 5 में 1 संक्रमित को दिमागी समस्या आ रही; रूस का दावा- हमारी वैक्सीन 92% असरदार
  • 46 food processing projects operationalised in 2020: Govt | 2020 में 46 फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट शुरू हुए, इनमें 771.79 करोड़ रुपए का निजी निवेश हुआ
  • Party Preparation Tips For Host Of The Party – घर पर होस्ट करने जा रहे हैं कोई पार्टी तो इस तरह करें तैयारियां, मेहमान करेंगे तारीफें
  • Kannada Actress Jayashree Ramaiah Begged To Die On Live Fb Video Kiccha Sudeep Saved Her – जयश्री रमैया छह महीने पहले भी कर चुकी थीं सुसाइड की कोशिश, किच्चा सुदीप ने बचाई थी जान
  • United Nations Peace Mission Indian Soldiers Set Up Temporary Base In South Sudan For Protect Civilians – भारतीय शांतिरक्षकों ने दक्षिण सूडान में स्थापित किया अस्थायी अड्डा, नागरिकों की सुरक्षा के लिए की कार्रवाई

Footer

Tags

automobile automobile news automobiles auto news auto news hindi Auto News in Hindi Bazar Hindi News Bazar News in Hindi bikes Business Diary Hindi News Business Diary News in Hindi Business News in Hindi candidates cars china corona vaccine coronavirus coronavirus vaccine covid-19 Gadgets Hindi News Gadgets News in Hindi Google Government Jobs Hindi News Government Jobs News in Hindi health india Jobs News in Hindi Latest Auto News Updates Other Sports Hindi News Other Sports News in Hindi samsung sarkari naukri sarkari naukri 2021 Sports News in Hindi students tech news tech news in hindi Technology News in Hindi Whatsapp World Hindi News World News in Hindi Xiaomi कोरोना वायरस व्हाट्सऐप सरकारी नौकरी

Categories

  • Auto
  • Business
  • Car Reviews
  • Career
  • Entertainment
  • Gadgets
  • Health/Life style
  • International
  • Mobile
  • Mobile Apps
  • Sarkari Naukri
  • Sports
  • Tech
  • Women

Archives

  • January 2021
  • December 2020
  • November 2020
  • October 2020
  • September 2020
  • August 2020
  • July 2020

Dailyhindinews.info