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अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई है। इसके अलावा दो बार महाभियोग की कार्यवाही का सामना करने वाले वह पहले राष्ट्रपति हैं। सीनेट में सांसद जैमी रस्किन ने ट्रंप पर कैपिटल में दंगा करने के लिए विद्रोही भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया। उनके कई डेमोक्रेटिक साथियों ने सीनेट में इसका समर्थन भी किया। रस्किन ने कहा, सबूत बताएंगे कि पूर्व राष्ट्रपति निर्दोष नहीं है।
सबूतों से पता चलेगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कमांडर-इन-चीन की भूमिका छोड़ खतरनाक विद्रोह को भड़काने वाले एक सरगना की भूमिका निभाई। प्रतिनिधि सभा के प्रबंधकों के पास दलीलें रखने के लिए 16 घंटे का ही समय है। इसके बाद ट्रंप के वकील अपना पक्ष रखेंगे और उन्हें भी 16 घंटे ही मिलेंगे।
महाभियोग के समर्थन में भारतवंशी डेमोक्रेट
भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का समर्थन किया है। सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, राष्ट्रपति ने पिछले महीने हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमला करने वाली भीड़ को भड़काया।
आज उन्हें, सजा देने की जरूरत है क्योंकि उनकी वजह से उस दिन सभी सदन के सदस्यों और कर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा था। अन्य भारतवंशी सांसद एमी बेरा, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल ने भी महाभियोग का समर्थन किया।
कैपिटल में नैंसी की हत्या चाहती थी भीड़
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का कहना है कि कैपिटल परिसर से पुलिस ने छह जनवरी को प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पैलोसी को इसलिए बाहर निकाला, क्योंकि उन्हें उनकी सुरक्षा की चिंता थी। ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार चलाए जा रहे महाभियोग की सुनवाई के दौरान अभियोजकों ने एक ऑडियो टेप चलाई, जिसमें पैलोसी के कर्मी मदद के लिए चिल्लाते सुनाई दे रहे थे।
उन्होंने ऐसी तस्वीरें भी दिखाईं, जिनमें भीड़ पेलोसी के कार्यालय के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश करती दिख रही है। महाभियोग प्रबंधक स्टेसी प्लास्केट ने कहा कि यदि दंगाइयों को पैलोसी मिल गई होतीं, तो उन्होंने उनकी हत्या कर दी होती।
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