- Hindi News
- International
- Imran Khan Maryam Nawaz | Pakistan Imran Khan Government Invites Maryam Nawaz, Fazal ur Rehman And Other Opposition Leaders
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
इस्लामाबाद3 घंटे पहले
अगले महीने विपक्ष के संभावित इस्लामाबाद मार्च से पाकिस्तान की इमरान खान सरकार दबाव में आ गई है। अब उसने विपक्ष के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा है। इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर शिबली फराज ने कहा- हम विपक्षी दलों के गठबंधन से बातचीत को तैयार हैं। लेकिन, हमारी अपील है कि आप मौलाना फजल-उर-रहमान और मरियम नवाज जैसे नेताओं को न लाएं। खास बात यह है कि मौलाना रहमान ही विपक्षी गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDM) के नेता हैं। मरियम इसकी कोऑर्डिनेटर हैं।
झुकना मजबूरी
PDM ने प्रधानमंत्री इमरान खान को 31 दिसंबर तक इस्तीफा देने को कहा है। PDM के मुताबिक- अगर 31 दिसंबर तक खान इस्तीफा नहीं देते तो इस्लामाबाद तक लॉन्ग मार्च निकाला जाएगा। इसमें लाखों लोग शामिल होंगे। कंटेनर्स के जरिए राजधानी के सभी रास्ते ब्लॉक कर दिए जाएंगे। इमरान इसी कंटेनर पॉलिटिक्स के जरिए सत्ता में आए थे। देश के चारों राज्यों में विपक्ष रैलियों से इमरान सरकार पहले ही दबाव में है। इसीलिए, उसने PDM नेताओं को बातचीत का न्योता दिया है।
बातचीत से टाला जाए टकराव
शिबली फराज ने मीडिया से बातचीत में कहा- सियासत में बातचीत जरूरी है। सीनेट में भी बातचीत की जा सकती है। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हम अवाम के नुमाइंदे हैं। लेकिन, मरियम नवाज और मौलाना फजल-उर-रहमान को उसमें शामिल नहीं किया जा सकता। ये दोनों पार्लियामेंट मेंबर नहीं हैं।
फराज ने विपक्ष पर ओछी राजनीति का आरोप लगाया। कहा- अगर विपक्ष चुनाव जीत जाता है तो वे कहते हैं कि इलेक्शन पारदर्शी तरीके से हुआ। हम जीत गए तो उन्हें धांधली नजर आ रही है।
नवाज का परिवार करप्ट
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल मिनिस्टर फैजल बावडा ने कहा- मरियम नवाज भ्रष्टाचार की बातें करती हैं। उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा है। वो सिर्फ खुद को बचाने के लिए राजनीति कर रही हैं। वो अपनी तुलना बेनजीर भुट्टो से कर रही हैं। हम इस बात से नहीं डरते कि तमाम विपक्षी सांसद और विधायक इस्तीफा दे रहे हैं। इसके लिए उपचुनाव रास्ता है। मरियम तो वैसे भी एक भगोड़े की बेटी हैं। विपक्षी नेताओं में इतनी भी शर्म नहीं है कि वे फौज को सियासत से दूर रखें।
Leave a Reply