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Jack Ma Net Worth | Alibaba founder Chinese President Xi Jinping Update | Alibaba founder Jack Ma Missing News | उस मीटिंग की पूरी कहानी, जो जैक मा के लापता होने की वजह बनी

January 6, 2021Leave a Comment

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9 घंटे पहलेलेखक: अविनाश द्विवेदी

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कभी वे दुनिया के सबसे बड़े अमीरों में से एक थे। उनकी कंपनी अलीबाबा की तुलना जेफ बेजोस की अमेजन से होती थी। जानकार उन्हें चीन का अघोषित दूत कहते थे। कहा जाता था कि वे दुनिया में चीन की छवि को बदल देंगे। 35 की उम्र तक साधारण अंग्रेजी टीचर रहने से लेकर चीन की सबसे बड़ी कंपनी का मालिक बनने तक जैक की कहानी लाखों लोगों को प्रेरणा देती थी। अब हालत ये हैं कि दो महीने से उन्हें किसी ने देखा तक नहीं है। दुनियाभर के अखबार और टीवी चैनल पूछ रहे हैं, ‘जैक मा कहां गायब हैं?’

दरअसल, चीन की सरकार जैक मा की कंपनी एंट ग्रुप में गड़बड़ियों की जांच कर रही है। ऐसे में कुछ लोग उनके गिरफ्तारी के कयास लगा रहे हैं तो कुछ के मुताबिक उनके कहीं भी आने-जाने पर तब तक रोक है, जब तक यह जांच पूरी नहीं हो जाती। जैक मा को उनके ही शुरू किए शो ‘अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज’ के फाइनल में शामिल होने से भी रोक दिया गया। अक्टूबर से अब तक उनकी संपत्ति में 80 हजार करोड़ से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।

जैक मा चीन की सत्ता को चुनौती दे रहे थे
चीन के फाइनेंशियल सिस्टम की खामियों की खुलेआम आलोचना करना जैक मा को महंगा पड़ गया। 2013 में ही कम्युनिस्ट पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र पीपुल्स डेली को दिए इंटरव्यू में जैक मा ने बिजनेस में चीनी सरकार के दखल की आलोचना की थी। उन्होंने सरकार के फाइनेंशियल सिस्टम को सिर्फ 20% लोगों के लिए फायदेमंद बताया था।

दुनियाभर में सुपरस्टार थे जैक मा, यही छवि दुश्मन बनी
जैक मा के ई-कॉमर्स और फिनटेक बिजनेस तय करते थे कि चीन के लोग किस तरह शॉपिंग करेंगे, कैसे खर्च करेंगे और कैसे बचत करेंगे। चीनी टेक्नोलॉजी के चेहरे और चीन के अघोषित दूत के तौर पर जैक मा दुनियाभर में मशहूर थे। जैक मा की अंग्रेजी पर पकड़ और सबसे मेलजोल रखने वाली शख्सियत ने उन्हें अलग पहचान दिलाई। यूट्यूब पर उनके वीडियो वायरल हुए।

जैक दावोस जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में लगातार जाते थे और नेताओं की तरह भाषण देते थे। कभी कंपनी के इवेंट में माइकल जैक्सन जैसे कपड़े पहनकर डांस करते थे तो कभी शॉर्ट फिल्म में अपने कुंग-फू कौशल का प्रदर्शन करने लगते थे। क्वार्ट्ज के मुताबिक, जैक मा बहुत पॉपुलर हो गए थे। चीन के सुप्रीम लीडर शी जिनपिंग से ज्यादा चर्चा भी उनके लिए खतरा बनी।

किस्सा उस मीटिंग का जहां से बात बिगड़ी
जैक मा 24 अक्टूबर 2020 को एक मीटिंग के दौरान निशाने पर आए। इस मीटिंग में चीनी राजनीति और अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े अधिकारी पहुंचे हुए थे। इसमें जैक मा ने चीनी बैकों की आलोचना की। वे बोले, ‘बैंक, फंडिंग के लिए कुछ गिरवी रखने की मांग करते हैं। इससे नई तकनीकों को फंड नहीं मिल पाता और नए प्रयोग रुकते हैं।’ उन्होंने चीनी नियमों को भी राह में रोड़ा अटकाने वाला बताया। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, जैक मा की कही बातों के बारे में जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जानकारी मिली तो वे बहुत गुस्सा हुए और उन्होंने जैक मा को सीन से गायब करने का आदेश दे दिया।

इस तरह लिखी गई जैक मा की तबाही की कहानी
फिर क्या था, पहले चीन ने अक्टूबर 2020 में जैक मा के एंट ग्रुप के 2.7 लाख करोड़ के IPO को रोक दिया। फिर कुछ दिनों बाद ही चीन ने ‘एंटी ट्रस्ट नियम’ बना दिए। इनके तहत अलीबाबा के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई। इससे अलीबाबा के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट आ गई थी।

जैक मा को सबक सिखाने के लिए चीन इस हद तक गया कि उसकी सेंट्रल बैंक ने एंट ग्रुप के अफसरों से अपने पूरे बिजनेस को नए नियमों के हिसाब से रजिस्टर करने को कह दिया है ताकि क्रेडिट, इंश्योरेंस और मनी मैनेजमेंट से जुड़ी गड़बड़ियों को दूर किया जा सके। किसी गड़बड़ी की स्थिति में कंपनी के अधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी भी तय की गई।

क्वार्टज के मुताबिक, दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी में से एक को री-स्ट्रक्चर करने की यह कोशिश इसे कर्ज में डुबा देगी। फिर भी एंट ग्रुप के अधिकारी इससे इनकार नहीं कर सके।

‘जैक मा का कोई युग नहीं; एक युग है, जिसमें जैक मा भी हैं’
जैक मा को उनके हश्र की चेतावनी पहले दी गई थी, लेकिन वे समझ नहीं सके। एक साल पहले ही पीपुल्स डेली ने अपने संपादकीय में जैक मा के नाम एक कड़ी चेतावनी छापी थी- ‘मा-युन (जैक मा का चीनी नाम) का कोई युग नहीं है। एक युग है, जिसमें मा युन भी हैं… मा युन, मा हुआतेंग, एलन मस्क, या हम साधारण लोग, जिन्होंने भी सफलता पाई, वे लोग इस युग में मौजूद अच्छे मौकों का फायदा उठा पाए हैं।’ जाहिर है, अखबार शी जिनपिंग के युग की बात कर रहा था।

चीन मामलों के जानकार रेयरसन यूनिवर्सिटी, कनाडा में ग्लोबल मैनेजमेंट स्टडीज पढ़ाने वाले डॉ. विक सिंह कहते हैं, ‘चीन में सरकार बिजनेस करती है। यही वजह है कि दूसरे देशों में बिजनेस के लिए चीनी कंपनियों को मामूली दरों पर भारी लोन मिल जाता है। ये कंपनियां, चीन के बड़े उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सिर्फ मोहरा होती हैं।’

चीन के अंदर विरोध शांत रखने का तरीका भी
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) में चीन का इतिहास पढ़ाने वाले प्रो. केशव मिश्रा कहते हैं, ‘चीन इन मोहरों के जरिए न सिर्फ वैश्विक उद्देश्यों को पूरा करने की कोशिश करता है, बल्कि उनकी सफलता को दिखाकर चीन अपनी जनता को संतुष्टि का भी अहसास देता है।’ प्रोफेसर विक भी मानते हैं कि चीन के लिए दुनिया में आगे जाने की योजनाओं से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है कि देश के अंदर विरोध को पनपने ही न दिया जाए। जैक भी ऐसे ही एक मोहरे थे, लेकिन वे हालात का जायजा नहीं ले पाए। उनकी छवि ही उनकी दुश्मन बनी।

वापसी संभव, लेकिन जैक मा का जादू खो जाएगा
प्रोफेसर विक कहते हैं, ‘जैक मा की वापसी हो सकती है। वे माफी मांगकर वापसी कर सकते हैं, लेकिन वे एक बदले हुए जैक मा होंगे। वे अब चीनी सरकार से बड़ी मांगें नहीं करेंगे। एक जैक मा और एंट ग्रुप का खात्मा चीन की आर्थिक नीतियों को खास नुकसान नहीं पहुंचाएगा। कोरोना से चीन की छवि को नुकसान पहुंचा। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और भारत में चीन ने बायकॉट झेला। इसके बावजूद चीन में होने वाले विदेशी निवेश में कमी नहीं आई। अमेरिका के भारी दबाव के बाद भी यूरोपीय यूनियन ने चीन के साथ समझौता कर लिया। यानी फिलहाल दुनिया के पास चीन का कोई विकल्प नहीं है।’

चीन का विकल्प हो या नहीं, लेकिन चीन ने साबित कर दिया कि जैक मा का विकल्प जरूर मौजूद है। पिछले दिनों दवा और पैकेज्ड वॉटर कंपनी के झोंग शानशन ने जैक को काफी पीछे छोड़ दिया है।

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Filed Under: International Tagged With: alibaba, Alibaba founder Jack Ma, amazon, Central Communist Party government, china, Chinese, Chinese President Xi Jinping, company, English, envoy, image, jack ma jinping, Jack Ma Missing, jack ma net worth, JackMa, Jeff Bezos, millions, Newspapers, nobody, one, story, three, world

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