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एक घंटा पहले
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कंगना रनोट अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आतंकवादी कह चुकी हैं, जिसका लगातार विरोध हो रहा है।
कंगना रनोट ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक सुखदेव पानसे को उनके विवादित बयान पर करारा जवाब दिया है। दरअसल, पानसे ने किसान आंदोलन का विरोध कर रहीं कंगना को नाचने वाली कहा था। जवाब में एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ये जो मूर्ख है, क्या यह जानता है कि मैं दीपिका, कटरीना या आलिया नहीं हूं। मैं इकलौती हूं, जिसने आइटम नंबर्स करने से इनकार किया। बड़े हीरो (खान्स/कुमार) के साथ फिल्म करने से मना किया, जिन्होंने मेरे खिलाफ पूरी बॉलीवुडिया गैंग मैन+वीमेन बनाई। मैं राजपूत महिला हूं। मैं कमर नहीं हिलाती, हड्डियां तोड़ती हूं।”

क्या था सुखदेव का पूरा बयान
एक रिपोर्ट के अनुसार सुखदेव ने कहा था कि पुलिस को नाचने गाने वाली की कठपुतली के रूप में काम नहीं करना चाहिए। विरोध कर रहे 250 से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता 12 फरवरी को सारणी पहुंचे थे, जहां कंगना ‘धाकड़’ की शूटिंग कर रही थीं। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि कंगना किसानों के खिलाफ की गईं अपनी सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए माफी मांगें।
15 की उम्र में बागी होने वाली पहली राजपूत महिला
कंगना ने अपनी एक अन्य पोस्ट में दावा किया है कि 15 साल की उम्र में बागी होने वाली वे पहली राजपूत महिला हैं। उन्होंने लिखा है, “मेरे पिता के पास राइफल्स और गन्स के लाइसेंस है। बड़े होते वक्त वे चिल्लाए नहीं, गुर्राते थे। यहां तक मेरी पसलियां कांप जाती थीं। जवानी के दिनों में अपने कॉलेज में वे गैंग वॉर के लिए फेमस थे, जहां से उनकी गुंडे की छवि बनी। मैंने 15 की उम्र में उनसे झगड़ा किया और घर से भागकर 15 की उम्र मेन बागी होने वाली पहली राजपूत महिला बन गई।”

कंगना ने आगे बॉलीवुड पर निशाना साधते हुए लिखा है, “इस चिल्लर इंडस्ट्री को लगता है कि सफलता मेरे सिर पर चढ़ गई है और वे मुझे ठीक कर सकते हैं। मैं हमेशा से बागी थी। सफलता के बाद मेरी आवाज स्ट्रॉन्ग हुई है और आज मैं राष्ट्र की प्रमुख आवाजों में से एक हूं। इतिहास गवाह है कि जिन्होंने मुझे ठीक करने की कोशिश की, मैंने उन्हें ठीक कर दिया।”
पापा को दी थी थप्पड़ मारने की धमकी
कंगना ने आगे लिखा है, “मेरे पापा मुझे दुनिया की सबसे अच्छी डॉक्टर बनाना चाहते थे। वे सोचते थे कि मुझे सबसे अच्छे संस्थानों में शिक्षा दिलाकर वे क्रांतिकारी पापा बन रहे हैं। जब मैंने स्कूल जाने से इनकार कर दिया तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारने की कोशिश की। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा- अगर आप मुझे थप्पड़ मारेंगे तो मैं भी पलटकर आपको थप्पड़ मारूंगी।”
‘मुझे कुछ भी बंदी नहीं बना सकता’
कंगना आगे लिखती हैं, “यह हमारे रिश्ते का खात्मा था। उनकी आंखों में कुछ बदलाव हुआ। उन्होंने मुझे देखा, फिर मेरी मां को और कमरे से बाहर चले गए। मुझे पता था कि मैंने हद पार की थी। मैं उन्हें फिर नहीं पा सकी।” कंगना ने आगे लिखा है कि उन्होंने अपनी आजादी के लिए जिस तरह की हदें तोड़ी हैं, उनके बारे में लोग सिर्फ कल्पना कर सकते हैं। वे लिखती हैं, “कुछ भी मुझे बंदी नहीं बना सकता।”

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