- Hindi News
- Women
- Lifestyle
- Mamta Mishra Changed The Fate Of Government School, Bought Mobile, Projector For Children From Her Salary, Learned Interesting Ways To Teach Teachers On Her YouTube Channel
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
4 महीने पहले
- ममता ने इन बच्चों के माता-पिता को शिक्षा का महत्व समझाया ताकि वे शिक्षा के प्रति जागरुक हो सकें
- अपने स्कूल के बच्चों के लिए मोबाइल, टेबलेट जैसे सारी चीजें उन्होंने अपनी सैलरी से खरीदी और उन्हें पढ़ाने की शुरुआत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में जिस स्कूल टीचर की तारीफ की, उसका नाम ममता मिश्रा है। ममता प्रयागराज के विकासखंड चाका के सरकारी स्कूल में टीचर हैं। मोदी ने उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक लेटर भी लिखा।
आज ममता मिश्रा के प्रयासों से इस स्कूल की गिनती प्रायवेट स्कूल में होने लगी है। अगर हर स्कूल में ममता के बताए हुए रास्ते को अपनाया जाए तो वह दिन दूर नहीं जब प्रायवेट स्कूल के बच्चे भी सरकारी स्कूल में पढ़ने लगेंगे और हर स्टूडेंट पढ़ाई में टॉपर होगा।
ममता के स्कूल के अधिकांश बच्चे फर्स्ट क्लास हैं। इसका सारा श्रेय ममता को जाता है। उन्हीं के प्रयासों से इस सरकारी स्कूल की गिनती प्रायवेट स्कूल में होने लगी है।

ममता ने कानपुर में केंद्रीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी, कानपुर से बीएड किया और मास्टर्स डिग्री ली। वे कहती हैं – ”मेरी मां एक टीचर हैं। मैंने बचपन से अपनी मां को पूरी ईमानदारी के साथ स्टूडेंट को पढ़ाते हुए देखा। वे मेरे लिए रोल मॉडल बनीं। उन्हें देखकर मैंने ये तय कर लिया था कि एक दिन बड़े होकर मैं भी टीचर बनूंगी”।
इस स्कूल की काया पलटने में ममता को कड़ी मेहनत करना पड़ी। वे कहती है ”सबसे पहले मैंने उन लोगों की सोच बदलने का प्रयास किया जो सरकारी स्कूल को गंभीरता से नहीं लेते”।

इन स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे गरीब घर से थे। इन बच्चों को पहले घर का काम करना पड़ता है। उसके बाद ये स्कूल आ पाते हैं। ममता ने इन बच्चों के माता-पिता को शिक्षा का महत्व समझाया ताकि वे शिक्षा के प्रति जागरुक हो सकें।
इन विद्यार्थियों में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के साथ ही ममता ने इनकी फिजिकल एक्टिविटीज बढ़ाने का भी प्रयास किया। उन्होंने स्कूल में स्पोर्ट्स व एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज की शुरुआत की।

इसके लिए ममता ने स्मार्ट क्लासेस का सहारा लिया। अपने स्कूल के बच्चों के लिए मोबाइल, टेबलेट जैसे सारी चीजें उन्होंने अपनी सैलरी से खरीदी और उन्हें पढ़ाने की शुरुआत की।
इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से वे बच्चों को दीक्षा एप के माध्यम से पढ़ा रही हैं।

उन्होंने बच्चों की पढ़ाई में ऑडियो-वीडियो तकनीक का इस्तेमाल किया है। उनका यू ट्यूब चैनल भी है जिसका नाम ”ममता अंकित” है। इस चैनल के माध्यम से वे बच्चों को पढ़ाई के रोचक तरीके बताती हैं। साथ ही टीचर्स को पढ़ाई के आसान तरीके भी सीखाती हैं।
Leave a Reply