म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर सेना की कार्रवाई
– फोटो : पीटीआई
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दूरसंचार कंपनी ऊरेडू (Ooredoo) ने कहा कि म्यांमार के सैन्य जुंटा शासन ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को देश की वायरलेस सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया है।
कंपनी ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि ‘केवल फाइबर लाइन कल यानी शुक्रवार से काम करेंगी।’ कंपनी ने कहा कि ‘हमें हाल ही में अधिकारियों से निर्देश मिले हैं।’ म्यांमार में कुछ लोगों के पास ही ऐसी हार्ड-लाइन इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच है।
#BREAKING Myanmar junta orders shutdown of wireless internet services, says telecom company pic.twitter.com/gjHt5E8rLh
— AFP News Agency (@AFP) April 1, 2021
बता दें कि म्यांमार में एक फरवरी को तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की है। पश्चिमी देशों द्वारा सैन्य शासन के खिलाफ पाबंदी के बावजूद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोलीबारी की घटनाएं जारी हैंऔर हिंसा से मरने वालों की संख्या 500 से अधिक हो गई है। म्यांमार में तख्तापलट के बाद लोकतंत्र बहाली की आस में दो माह बीत गए हैं, परंतु प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं नहीं रुकी हैं। सेना द्वारा तख्तापलट के दो महीने होने पर विभिन्न शहरों में लोगों ने बृहस्पतिवार को भी प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र को बहाल करने तथा हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने की मांग की।
सूर्योदय के तुरंत बाद प्रदर्शन
देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सूर्योदय के तुरंत बाद युवाओं के एक समूह ने प्रदर्शन में मारे गए 500 से ज्यादा लोगों की याद में बृहस्पतिवार को शोकगीत गाए। इसके बाद वे जुंटा शासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए और अपदस्थ की गई नेता आंग सान सू की को रिहा करने तथा लोकतंत्र को बहाल करने की मांग करते हुए सड़कों पर निकले।
मांडले तथा अन्य शहरों में भी प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। इससे पहले पुलिस ने कई जगह छापेमारी की और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी। यांगून में सेना की निवेश शाखा म्यांमार इकॉनोमिक होल्डिंग लिमिटेड की कुछ दुकानों में आग लगा दी गई। प्रदर्शन के शुरुआती दिनों से ही इन दुकानों को निशाना बनाया गया।
मंडरा रहा गृह युद्ध का खतरा
करिन प्रांत के कई इलाकों में शनिवार से दर्जनों नागरिकों के मारे जाने और 20,000 से ज्यादा लोगों के विस्थापित होने की भी सूचना मिली है। इलाके में राहत अभियान चलाने वाली संस्था ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ ने इस बारे में बताया।
म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीने स्क्रेनर बर्गेनर ने बुधवार को आगाह किया कि देश में गृह युद्ध का खतरा मंडरा रहा है । उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से लोकतंत्र बहाल करने के लिए ठोस कार्रवाई की संभावना पर विचार करने को कहा।
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