पीटीआई, कराची।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 02 Apr 2021 07:14 PM IST
सार
जामसोरो के उपायुक्त कैप्टन (सेवानिवृत्त) फरीदुद्दीन मुस्तफा ने कहा कि अधिकतर श्रद्धालु सिंध के बाहर से आए थे और वे शेहवान के आसपास ठहरे हुए थे और संभवत: उन्हें सरकार के आदेश की जानकारी नहीं थी।
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
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प्रांत की सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार पर रोक लगाने के लिए सभी धर्म स्थलों को बंद करने की घोषणा की है, जिसके बाद शेहवान के लाल शहबाज कलंदर में बृहस्पतिवार की रात को यह घटना हुई। वार्षिक उर्स के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु सरकारी आदेश का उल्लंघन कर शेहवान में जुटे थे और उन्होंने मजार के अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया।
मजार के एक अधिकारी ने बताया कि प्रसिद्ध सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर के 769वें उर्स (पुण्यतिथि) पर श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालुओं को वहां से हटाने का प्रयास किया, जिसमें करीब 40 श्रद्धालु और सात पुलिसकर्मी जख्मी हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
जामसोरो के उपायुक्त कैप्टन (सेवानिवृत्त) फरीदुद्दीन मुस्तफा ने कहा कि अधिकतर श्रद्धालु सिंध के बाहर से आए थे और वे शेहवान के आसपास ठहरे हुए थे और संभवत: उन्हें सरकार के आदेश की जानकारी नहीं थी। मुस्तफा ने बताया कि संघर्ष के बाद शुक्रवार को अर्द्धसैनिक रेंजरों को लाल शहबाज कलंदर के मजार के आसपास तैनात किया गया है।
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