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- Palak Roy Choudhary Is Providing Sewing Training To Women From Poor Families, She Wants Them To Get Full Benefit Of Their Hard Work In The Market
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30 मिनट पहले
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- यहां इन महिलाओं को मास्क और बैग्स बनाना सिखाया जाता है। इन्हें बैकपैक और शॉपिंग बैग्स बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है
- इन्हें सिखाने की शुरुआत सुबह 10:30 बजे होती है जो शाम 4:30 बजे तक जारी रहती है
पश्चिम बंगाल के 24 प्रांगण हिंगलगंज की हेड मास्टर पलक रॉय चौधरी ने शिक्षित युवा महिलाओं को टेलरिंग सीखाने की शुरुआत की। इनमें से अधिकांश वे महिलाएं हैं जो बेरोगजार हैं। यहां आने वाली कुछ महिलाओं ने ग्रेजुएशन किया है तो कुछ पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन महिलाओं को मार्केट में अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
पलक के अनुसार, इस क्षेत्र में गरीब परिवारों की ऐसी कई महिलाएं हैं जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत करके अपनी पढ़ाई पूरी की है। इनमें वे गृहणियां भी शामिल हैं जो इस काम के जरिये परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करना चाहती हैं। ये ट्रेनिंग हिंगलगंज स्कूल और मॉम सुंदरबन सोसायटी नामक एक एनजीओ के जॉइंट वेंचर से दी जा रही है।
यहां इन महिलाओं को मास्क और बैग्स बनाना सिखाया जाता है। इन्हें बैकपैक और शॉपिंग बैग्स बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन्हें सिखाने की शुरुआत सुबह 10:30 बजे होती है जो शाम 4:30 बजे तक जारी रहती है। पलक चाहती हैं कि बाजार में इन महिलाओं को अपनी मेहनत का पूरा फायदा मिले।

सिलाई की इस ट्रेनिंग में शामिल सुमिता कयाल ने इंग्लिश में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। वे कहती हैं – ”मैंने इस विषय में अपनी पढ़ाई दो साल पहले पूरी की थी। लेकिन यहां स्कूल बंद होने की वजह से कोई बच्चा ट्यूशन के लिए नहीं आता। मेरे पास कमाई का कोई दूसरा साधन भी नहीं है। एक बार जब मेरी ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी तो मैं आत्मनिर्भर बनूंगी और परिवार का खर्च उठाने में अपने पिता की मदद भी कर सकूंगी”। इस ट्रेनिंग के लिए छ: मशीनें खरीदी गई हैं और 80,000 का इंवेस्टमेंट किया गया है।
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