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कोरोना काल में निजी वाहनों की मांग बढ़ गई है। लोग अब सार्वजनिक परिवहन के मुकाबले निजी वाहन को प्राथमिकता देने लगे हैं। यही वजह है कि लॉकडाउन के बाद कारों की बिक्री में इजाफा हुआ है। वहीं कम ब्याज दरों पर ऑटो लोन सुविधा उपलब्ध होने से भी ऑटो सेक्टर को पंख लगे हैं। जिसका नतीजा यह हुआ है कि कारों पर वेटिंग पीरियड बढ़ गया है। आलम यह है कि केवल सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी गाड़ियों पर ही ज्यादा वेटिंग पीरियड नहीं है बल्कि छोटी कारों जैसे ऑल्टो, वैगन आर जैसी कारों पर भी वेटिंग पीरियड महीनों तक पहुंच चुका है। आलम यह है कि हाल ही में लॉन्च हुई कॉम्पैक्ट एसयूवी निसान मैगनाइट के बारे में कहा जा रहा है कि उसका 2021 का स्टॉक पूरा बिक चुका है और कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है।
मारुति सुजुकी
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अक्तूबर 2020 से ही अपनी पूरी 100 फीसदी उत्पादन क्षमता के साथ काम कर रही है। बावजूद इसके स्विफ्ट, ऑल्टो, वैगन आर जैसे छोटी हैचबैक कारों पर वेटिंग पीरियड 3 से 4 से हफ्ते का है, जबकि एमपीवी अर्टिगा पर यह बढ़ तक 6 से 8 हफ्ते तक पहुंच चुका है। मारुति ने हाल ही में 27 दिसंबर से 03 जनवरी तक मेंटेनेंस शटडाउन किया था, लेकिन अब उत्पादन फिर पूरी क्षमता पर पहुंच चुका है।
वेटिंग पीरियड
- मारुति स्विफ्ट- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति ऑल्टो- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति वैगन आर- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति अर्टिगा- 6 से 8 हफ्ते
- ह्यूंदै i20- 2 से 3 महीने
- ह्यूंदै क्रेटा – 2 से 3 महीने
- किआ सोनेट- 4 से 5 महीने
- महिंद्रा थार- 5 से 8 महीने
- निसान मैगनाइट- 3 से 8 महीने
ह्यूंदै क्रेटा
देश के दूसरे नंबर की कार निर्माता कंपनी ह्यूंदै की बात करें, तो वहां भी कुछ ऐसा ही हाल है। बात क्रेटा से करें, तो कंपनी ने इसका उत्पादन बढ़ाया है। कंपनी जहां पहले एक दिन में 340 यूनिट्स तक बनाती थी, जिसे छह महीने पहले ही बढ़ा कर 640 यूनिट्स कर दिया गया है। कंपनी क्रेटा का वेटिंग पीरियड 6 महीने से घट कर दो से तीन महीनों तक करना चाहती है। इसके SXO IVT वैरियंट की सबसे ज्यादा मांग है, यहां तक कि बंगलुरु जैसे शहरों में इसका वेटिंग पीरियड 10 महीने को पार कर चुका है। जबकि बाकी वैरियंटस पर 6 महीने तक है।
ह्यूंदै आई20
कंपनी ह्यूंदै वेन्यू और वरना की भी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हाल ही में लॉन्च हुई प्रीमियम हैचबैक ह्यूंदै आई20 पर फिलहाल 2 से 3 महीने का इंतजार है, जिसे घटाने की योजना बनाई जा रही है। आई20 को नवंबर 2019 में ही लॉन्च किया गया था और इसकी बुकिंग 30 हजार को पार कर चुकी है। वहीं कंपनी जहां पहले महीने में 8 से 9 हजार कारें बनाती थी, अब 12 हजार तक बना रही है। कंपनी ने निर्यात के चलते भी उत्पादन बढ़ाया है। यहां बनी वरना, क्रेटा और आई20 को विदेश भी भेजा जा रहा है।
किआ सोनेट
उधर, ऑटो डीलर्स का कहना है कि वेटिंग पीरियड बढ़ने की और भी कई वजह हैं। मसलन किआ के बारे में बात करें तो कॉम्पैक्ट एसयूवी सेल्टोस और सोनेट पर 2-3 महीने का वेटिंग पीरियड है क्योंकि उसके इंजन पार्ट्स और बंपर्स की समस्या है। सोनेट की बुकिंग दो महीने में ही 50 हजार को पार कर चुकी है और कंपनी नवंबर तक 32,404 एसयूवी बेच चुकी है। इसके पेट्रोल और डीजल वैरियंट्स पर वेटिंग पीरियड 4.5 महीने का है, जबकि टर्बो पेट्रोल पर वेटिंग पीरियड 3 महीने का है। सबसे कम वेटिंग पीरियड HTK Plus और HTK PLus DCT ट्रिम पर मात्र 1.5 महीने का है।
महिंद्रा थार
15 अगस्त को पेश हुई और दो अक्तूबर को लॉन्च हुई महिंद्रा थार पर फिलहाल वेटिंग पीरियड 20 से 40 हफ्तों का है। कंपनी अपने नासिक स्थित प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ पार्ट्स सप्लाई को चाकचौबंद कर रही है। कंपनी नासिक प्लांट की क्षमता 2000 यूनिट्स प्रति माह से बढ़ा कर 3000 से 3500 यूनिट्स करने की सोच रही है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। कंपनी ने वेटिंग पीरियड को कम करने के लिए थार के एंट्री लेवल वैरियंट की बुकिंग के साथ प्रोडक्शन भी बंद किया है।
निसान मैगनाइट
कुछ ऐसा ही हाल ही में लॉन्च हुई निसान मैगनाइट के साथ भी देखने को मिल रहा है। मैगनाइट वेटिंग पीरियड 8 महीने तक पहुंच चुका है। मैगनाइट की बुकिंग लॉन्चिंग के 15 दिन के भीतर ही 15 हजार को पार कर गई। इसके सबसे सस्ते वैरियंट XE बेस मॉडल की बुकिंग सबसे ज्यादा है। वहीं टर्बो XL वैरियंट पर सबसे कम वेटिंग पीरियड 2.3 महीने है। निसान ने ग्राहकों का इंतजार कम करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता 2700 यूनिट्स प्रति माह से बढ़ा कर 4,000 यूनिट्स करने का फैसला किया है और कंपनी ने इसके लिए एक हजार नई भर्तियां भी की हैं। ताकि वेटिंग पीरियड 6 महीने से घटाकर 2 से 3 महीने तक लाया जा सके।
सार
केवल सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी गाड़ियों पर ही ज्यादा वेटिंग पीरियड नहीं है बल्कि छोटी कारों जैसे ऑल्टो, वैगन आर जैसी कारों पर भी वेटिंग पीरियड महीनों तक पहुंच चुका है…
विस्तार
कोरोना काल में निजी वाहनों की मांग बढ़ गई है। लोग अब सार्वजनिक परिवहन के मुकाबले निजी वाहन को प्राथमिकता देने लगे हैं। यही वजह है कि लॉकडाउन के बाद कारों की बिक्री में इजाफा हुआ है। वहीं कम ब्याज दरों पर ऑटो लोन सुविधा उपलब्ध होने से भी ऑटो सेक्टर को पंख लगे हैं। जिसका नतीजा यह हुआ है कि कारों पर वेटिंग पीरियड बढ़ गया है। आलम यह है कि केवल सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी गाड़ियों पर ही ज्यादा वेटिंग पीरियड नहीं है बल्कि छोटी कारों जैसे ऑल्टो, वैगन आर जैसी कारों पर भी वेटिंग पीरियड महीनों तक पहुंच चुका है। आलम यह है कि हाल ही में लॉन्च हुई कॉम्पैक्ट एसयूवी निसान मैगनाइट के बारे में कहा जा रहा है कि उसका 2021 का स्टॉक पूरा बिक चुका है और कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है।
मारुति सुजुकी
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अक्तूबर 2020 से ही अपनी पूरी 100 फीसदी उत्पादन क्षमता के साथ काम कर रही है। बावजूद इसके स्विफ्ट, ऑल्टो, वैगन आर जैसे छोटी हैचबैक कारों पर वेटिंग पीरियड 3 से 4 से हफ्ते का है, जबकि एमपीवी अर्टिगा पर यह बढ़ तक 6 से 8 हफ्ते तक पहुंच चुका है। मारुति ने हाल ही में 27 दिसंबर से 03 जनवरी तक मेंटेनेंस शटडाउन किया था, लेकिन अब उत्पादन फिर पूरी क्षमता पर पहुंच चुका है।
वेटिंग पीरियड
- मारुति स्विफ्ट- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति ऑल्टो- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति वैगन आर- 3 से 4 हफ्ते
- मारुति अर्टिगा- 6 से 8 हफ्ते
- ह्यूंदै i20- 2 से 3 महीने
- ह्यूंदै क्रेटा – 2 से 3 महीने
- किआ सोनेट- 4 से 5 महीने
- महिंद्रा थार- 5 से 8 महीने
- निसान मैगनाइट- 3 से 8 महीने
ह्यूंदै क्रेटा
देश के दूसरे नंबर की कार निर्माता कंपनी ह्यूंदै की बात करें, तो वहां भी कुछ ऐसा ही हाल है। बात क्रेटा से करें, तो कंपनी ने इसका उत्पादन बढ़ाया है। कंपनी जहां पहले एक दिन में 340 यूनिट्स तक बनाती थी, जिसे छह महीने पहले ही बढ़ा कर 640 यूनिट्स कर दिया गया है। कंपनी क्रेटा का वेटिंग पीरियड 6 महीने से घट कर दो से तीन महीनों तक करना चाहती है। इसके SXO IVT वैरियंट की सबसे ज्यादा मांग है, यहां तक कि बंगलुरु जैसे शहरों में इसका वेटिंग पीरियड 10 महीने को पार कर चुका है। जबकि बाकी वैरियंटस पर 6 महीने तक है।
ह्यूंदै आई20
कंपनी ह्यूंदै वेन्यू और वरना की भी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हाल ही में लॉन्च हुई प्रीमियम हैचबैक ह्यूंदै आई20 पर फिलहाल 2 से 3 महीने का इंतजार है, जिसे घटाने की योजना बनाई जा रही है। आई20 को नवंबर 2019 में ही लॉन्च किया गया था और इसकी बुकिंग 30 हजार को पार कर चुकी है। वहीं कंपनी जहां पहले महीने में 8 से 9 हजार कारें बनाती थी, अब 12 हजार तक बना रही है। कंपनी ने निर्यात के चलते भी उत्पादन बढ़ाया है। यहां बनी वरना, क्रेटा और आई20 को विदेश भी भेजा जा रहा है।
किआ सोनेट
उधर, ऑटो डीलर्स का कहना है कि वेटिंग पीरियड बढ़ने की और भी कई वजह हैं। मसलन किआ के बारे में बात करें तो कॉम्पैक्ट एसयूवी सेल्टोस और सोनेट पर 2-3 महीने का वेटिंग पीरियड है क्योंकि उसके इंजन पार्ट्स और बंपर्स की समस्या है। सोनेट की बुकिंग दो महीने में ही 50 हजार को पार कर चुकी है और कंपनी नवंबर तक 32,404 एसयूवी बेच चुकी है। इसके पेट्रोल और डीजल वैरियंट्स पर वेटिंग पीरियड 4.5 महीने का है, जबकि टर्बो पेट्रोल पर वेटिंग पीरियड 3 महीने का है। सबसे कम वेटिंग पीरियड HTK Plus और HTK PLus DCT ट्रिम पर मात्र 1.5 महीने का है।
महिंद्रा थार
15 अगस्त को पेश हुई और दो अक्तूबर को लॉन्च हुई महिंद्रा थार पर फिलहाल वेटिंग पीरियड 20 से 40 हफ्तों का है। कंपनी अपने नासिक स्थित प्लांट की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ पार्ट्स सप्लाई को चाकचौबंद कर रही है। कंपनी नासिक प्लांट की क्षमता 2000 यूनिट्स प्रति माह से बढ़ा कर 3000 से 3500 यूनिट्स करने की सोच रही है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। कंपनी ने वेटिंग पीरियड को कम करने के लिए थार के एंट्री लेवल वैरियंट की बुकिंग के साथ प्रोडक्शन भी बंद किया है।
निसान मैगनाइट
कुछ ऐसा ही हाल ही में लॉन्च हुई निसान मैगनाइट के साथ भी देखने को मिल रहा है। मैगनाइट वेटिंग पीरियड 8 महीने तक पहुंच चुका है। मैगनाइट की बुकिंग लॉन्चिंग के 15 दिन के भीतर ही 15 हजार को पार कर गई। इसके सबसे सस्ते वैरियंट XE बेस मॉडल की बुकिंग सबसे ज्यादा है। वहीं टर्बो XL वैरियंट पर सबसे कम वेटिंग पीरियड 2.3 महीने है। निसान ने ग्राहकों का इंतजार कम करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता 2700 यूनिट्स प्रति माह से बढ़ा कर 4,000 यूनिट्स करने का फैसला किया है और कंपनी ने इसके लिए एक हजार नई भर्तियां भी की हैं। ताकि वेटिंग पीरियड 6 महीने से घटाकर 2 से 3 महीने तक लाया जा सके।
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