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13 मिनट पहले
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- इस काम में रामू की पत्नी ने उसका पूरा साथ दिया। चौबीस घंटे चलने वाले इस एटीएम बैंक से कोई खाली हाथ नहीं जाता
- रामू को ये लगा कि जब 6000 कमाने वाला एक व्यक्ति मजदूरों की मदद के लिए 2000 खर्च कर सकता है तो मैं क्यों नहीं
इस साल ऐसे कई लोग चर्चा में रहे जिन्होंने अपने सेवाभाव से दुनिया भर में नाम कमाया। इनमें से कुछ ऐसे थे जो दूसरों की सेवा करने में आर्थिक रूप से सक्षम थे, वहीं कुछ वे भी रहे जिन्होंने खुद पैसों की तंगी उठा कर भी जरूरतमंदों की मदद की। ऐसे ही नेक लोगों में शामिल हैं हैदराबाद के रामू दोसापटी। वे एक कॉर्पोरेट कंपनी में एचआर हैं और हैदराबाद में 24 घंटे राइस एटीएम चलाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। वे अब तक 50 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं जिसमें उनके प्रोविडेंटेंड फंड का पैसा भी शामिल है।

उन्होंने हैदराबाद के एलबी नगर में राइस एटीमए की शुरुआत की। वे जरूरतमंदों को मुफ्त में राशन बांटते हैं। उनके इस एटीएम का फायदा हर राेज लगभग 200 से 300 परिवारों को मिलता है। अब तक वे तकरीबन 25,000 परिवारों की मदद कर चुके हैं। जब उनसे यह पूछा जाता है कि इस काम की शुरुआत कैसे हुई तो वे बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान एक दिन वे घर के पास बनी दुकान में अपने बच्चों के लिए चिकन खरीदने गए।
उस दुकान में एक सिक्योरिटी गार्ड 2000 का चिकन खरीद रहा था। रामू ने उस गार्ड से जब इतना सारा चिकन खरीदने की वजह पूछी तो उसने बताया कि वह प्रवासी मजदूरों को खिलाने के लिए चिकन खरीद रहा है। जब रामू ने उनकी सैलेरी पूछी तो उसने बताया कि मैं 6000 रुपए महीना कमाता हूं।
BBCలో వచ్చిన RICE ATM కథనంతో నగరం నలు మూలల నుండి వచ్చిన ఎందరో … ఎంత వడపోసినా 200 కు పైగా కుటుంబాలకి ఈ రోజు ఆసరాగా ఉండగలిగాం 🙏 pic.twitter.com/RkAh49Jlky
— Ramu Dosapati (@dsramu) December 19, 2020
रामू को ये लगा कि जब 6000 कमाने वाला एक व्यक्ति मजदूरों की मदद के लिए 2000 खर्च कर सकता है तो मैं क्यों नही। रामू उसी वक्त सिक्योरिटी गार्ड के साथ उन 192 मजदूरों के पास गया और उनकी मदद का वादा किया। अपनी बचत के डेढ़ लाख रुपए उसने इन जरूरतमंदों के लिए राशन खरीदने में खर्च किए दिए।

अपनी बचत के पैसे खर्च करने के बाद रामू ने प्रोविडेंट फंड से 50 लाख निकाले। रामू ने बताया कि अभी वह 1 बीएचके फ्लैट में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता है। उसने 3 बीएचके फ्लैट लेने के लिए जो पैसे जमा किए थे, वे भी गरीबों के लिए राशन खरीदने में लगा दिए। इस काम में रामू की पत्नी ने उसका पूरा साथ दिया। चौबीस घंटे चलने वाले इस एटीएम बैंक से कोई खाली हाथ नहीं जाता।
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