बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 12 Jan 2021 11:44 AM IST
रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए बेहतर रहा साल 2020
– फोटो : pixabay
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर 2020 तक इन शहरों में बिना बिके मकानों की तादाद यानी इन्वेंटरी 7.18 लाख थी। वहीं इससे पिछले साल यानी दिसंबर 2019 में यह आंकड़ा 7.92 लाख था। दरअसल अक्तूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान मकानों की बिक्री सबसे ज्यादा यानी 68 फीसदी बढ़कर 58,914 यूनिट के स्तर पर पहुंच गई। त्योहारी मांग की इसमें सबसे बड़ी भूमिका थी। इसलिए इन्वेंटरी में कमी आई।
तेजी से घटी तैयार मकानों की इन्वेंटरी
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले साल तैयार मकानों की इन्वेंटरी में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। इस मामले में बिना बिके मकानों की तादाद करीब 19 फीसदी कम हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर, कुल इन्वेंटरी में किफायती मकानों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा यानी 48 फीसदी रही।
सबसे बेहतर रही हैदराबाद की स्थिति
मालूम हो कि इन्वेंटरी खत्म होने में लगने वाले समय के मामले में हैदराबाद की स्थिति (29 महीने) सबसे बेहतर रही है। वहीं इस दौरान दिल्ली-एनसीआर में सबसे खराब स्थिति थी। यहां सबसे ज्यादा 72 महीने लगे। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा करीब 48 महीने का है।
इस संदर्भ में प्रॉपटाइगर के ग्रूप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2020 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में नए घरों की सप्लाई और बिक्री में काफी सुधार हुआ। रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सरकार ने आर्थिक सुधार की दिशा में मजबूती से कदम उठाए और साथ ही कोरोना से पीड़ित घरेलू अर्थव्यवस्था में नया विश्वास कायम करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज की भी घोषणा की। साल 2020 काफी बाधाओं से भरा था, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई और उपभोक्ताओं के खर्च पर सीधा असर पड़ा। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति में सुधार देखने को मिला और प्रमुख बाजारों में हाउसिंग की बिक्री में उछाल आना शुरू हुआ।
Leave a Reply