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एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) इस मामले में पारदर्शिता लाने के लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करने जा रही है। दिशानिर्देश के मसौदे के मुताबिक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर को किसी ब्रांड या प्रोडक्ट के प्रमोशन से जुड़ी सामग्री के बारे में अपने पोस्ट में पूरी जानकारी देनी होगी। अगले महीने इस पर मुहर लग सकती है, हालांकि दिशानिर्देश को अमलीजामा पहनाने से पहले इस पर देश की जनता की राय भी ली जाएगी।
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के लिए दिशानिर्देशों के प्रस्तावित मसौदे में कहा गया है कि विज्ञापन वाले पोस्ट में डिसक्लोजर लेबल हाइलाइट करने होंगे। यह कंटेंट में ऊपर होना चाहिए, ताकि लोगों को पहली नजर में ही पता चल जाए कि यह पोस्ट आम पोस्ट है या प्रमोशनल। प्रस्ताव में कहा गया है कि डिसक्लोजर लेबल्स किसी प्लेटफॉर्म पर डाले गए कंटेंट की पहली दो पंक्तियों में नजर आने चाहिए। एएससीआई के अप्रूव्ड लेबल्स में ऐड, कोलैब, प्रोमो, स्पॉन्सर्ड या पार्टनरशिप शामिल हैं। सोशल मीडिया पर ऐड कंटेंट डालने वाले को इन्हीं में से किसी एक का इस्तेमाल करना होगा।
भारत में 543-1,087 करोड़ रुपये का है सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का बाजार
डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी एडलिफ्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का बाजार सालाना 543-1,087 करोड़ रुपये के बीच है। देश में हर रोज सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में इंफ्लुएंसर का बाजार भी तेजी से बढ़ेगा।
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