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- Sameera Khan Of Andhra Pradesh Drove Home With Her Earnings When Her Parents Were Not There, Traveled 20 Countries By Bicycle, Now Preparing To Conquer Everest
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10 मिनट पहले
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आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में रहने वाली माउंटेनियर और साइकिलिस्ट समीरा खान ने ये साबित कर दिया कि परिवार के सपोर्ट के बिना भी लड़कियां आगे बढ़ सकती हैं। जब वह नौ साल की थी तो उनकी मां इस दुनिया में नहीं रही। 2015 में उनके पिता भी चल बसे। पी समीरा खान मुश्किल हालातों का सामना करते हुए भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। वे अब तक साइकिल से 20 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। वे सोलो ट्रेवलर हैं। 30 साल की समीरा नेपाल के 6,858 मीटर ऊंचाई वाले अमा डबलाम की चढ़ाई कर चुकी हैं।

समीरा सारी दुनिया से ये कहना चाहती हैं कि भारत की सभी लड़कियों को अपने पैरेंट्स के सपोर्ट की जरूरत है। हालांकि उन्होंने अब तक जो भी किया, वह अपने दम पर किया। लेकिन अब उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए फायनेंशियल सपोर्ट की जरूरत है। वे माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई नेपाल के बजाय तिब्बत की ओर से करना चाहती हैं। तिब्बत की ओर से एवरेस्ट की चढ़ाई नेपाल के बजाय ज्यादा मुश्किल है। वे कुछ ऐसा करना चाहती हैं जिससे ये अहसास हो कि उन्होंने अपनी योग्यता से परे खुद को साबित किया है।

दसवीं कक्षा तक पढ़ाई के बाद समीरा ने मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी का कोर्स किया। परिवार की आर्थिक तंगी को देखते हुए उन्होंने बेंगलुरु के बीपीओ में जॉब करना शुरू किया। समीरा अपने बचत के पैसों से सोलो ट्रैवलिंग करने लगीं। वे अब तक कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल, भूटान, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में ट्रैकिंग कर चुकी हैं।
समीरा को लगता है कि साइकिलिस्ट बनने से उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है। फिलहाल वे हैदराबाद के केपलर होम सिनेमा में अपनी इंटरप्रेन्योरशिप के जरिये लोगों को प्रभावित कर रही हैं। वे दक्षिण भारत की महिलाओं के लिए मिसाल बनना चाहती हैं। वे एक किताब लिखने का सपना देखती हैं। साथ ही अपने जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहती हैं। वे महिलाओं को हर हाल में सम्मान दिलाने की ख्वाहिशमंद हैं।
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