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तेजी की पटरी पर लौट सकती है अर्थव्यस्था
अप्रैल-सितंबर के दौरान अर्थव्यवस्था में 15.7 फीसदी संकुचन हुआ, लेकिन यदि एसबीआई का विश्लेषण सही साबित हुआ, तो दूसरी छमाही में जीडीपी 2.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। इस संदर्भ में एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि 41 महत्त्वपूर्ण सूचकांकों में 51 फीसदी तेजी दर्शा रहे हैं, जिसके चलते अर्थव्यवस्था के तीसरी तिमाही में 0.3 फीसदी की वृद्धि के साथ अर्थव्यस्था आर्थिक तेजी की पटरी पर लौट सकती है। उन्होंने कहा कि अंतिम आंकड़े सुखद आश्चर्य पैदा करने वाले हो सकते हैं।
चौथी तिमाही में सकारात्मक दिशा में हो सकती है वृद्धि
आगे घोष ने कहा कि, ‘अब हमें उम्मीद है कि जीडीपी में गिरावट पूरे साल के लिए सात फीसदी रहेगी, जो हमारे पिछले पूर्वानुमान 7.4 फीसदी की तुलना में कम है। साथ ही चौथी तिमाही में वृद्धि सकारात्मक दिशा में लगभग 2.5 फीसदी हो सकती है।’
अगले वित्त वर्ष 11 फीसदी वृद्धि संभव
एसबीआई रिसर्च ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि 11 फीसदी रहने के अपने अनुमान को बरकार रखा है। आर्थिक समीक्षा में अगले साल की वृद्धि 11 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वृद्धि 10.5 फीसदी रहेगी।
जानिए क्या कहती है वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट
इससे पहले वित्त मंत्रालय ने भी रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दावा किया गया था कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में अर्थव्यवस्था के पूर्ण पुनरुद्धार से भी अधिक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जगाते हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी मासिक आर्थिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत दुनिया के लिए कोविड-19 टीके का केंद्र बन गया है।
समावेशी वृद्धि को मिलेगी ताकत
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित उपायों के साथ की संरचनात्मक सुधारों और आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत नीतिगत मदद से व्यापक आधार पर समावेशी वृद्धि को ताकत मिलेगी। इनसे देश आने वाले वित्त वर्ष में मजबूत और टिकाऊ वृद्धि की राह पर लौट आएगा।’ रिपोर्ट में कहा गया कि वृद्धि व मुद्रास्फीति के परिदृश्य 2021-22 में पुनरुद्धार से अधिक की उम्मीद जगाते हैं।
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