न्यूज डेस्क, अमर उजाला, स्वीडन
Updated Fri, 15 Jan 2021 12:04 AM IST
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18 साल की ग्रेटा जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को लेकर काफी सजग रहती हैं। बीते कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ग्रेटा थनबर्ग के सवालों ने दुनियाभर के नेताओं को झकझोर दिया था। ग्रेटा ने युवा पीढ़ी की आवाज को दुनिया के सामने रखते हुए कहा था कि हमें समझ आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर आपने हमारे साथ धोखा किया है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी। ग्रेटा के इस भाषण के बाद दुनियाभर में उनकी चर्चा होने लगी। उन्हें जलवायु परिवर्तन की बुलंद करने की आवाज के रूप में देखा जाने लगा।
वर्तमान समय में लोग जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, लेकिन ग्रेटा के वैश्विक नेताओं से चुभने वाले सवालों को पूछकर उन्हें इस मुद्दे पर विचार करने को मजबूर किया है। वह अपना विद्यालय छोड़कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारियों का अहसास दिलाने का काम करती हैं। साथ ही ग्रेटा दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन को लेकर कार्य करती है। वह अमेरिका से लेकर लंदन और फ्रांस में लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने में लगी हुई हैं।
बता दें कि ग्रेटा ने ‘स्कूल हड़ताल’ करते हुए स्वीडिश संसद भवन के सामने धरने पर बैठ गई थी। उस समय ग्रेटा की उम्र महज 16 साल थी। उसके इस अभियान को अन्य विद्यार्थियों का भी जमकर सपोर्ट मिला था। इतना ही 18 साल की इस जलवायु कार्यकर्ता ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से भी जलवायु परिवर्तन रोकने की दिशा में कुछ गंभीर कदम उठाने की मांग की थी।
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