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सार
मोसाद प्रमुख योसी कोहेन से बाइडन टीम का संपर्क बन चुका है। जानकारों का कहना है कि कोहेन का कद इस्राइल में तेजी से बढ़ा है। नेतन्याहू कोरोना महामारी, भ्रष्टाचार के मुकदमे और अगले चुनाव की तैयारियों में उलझे हुए हैं…
विस्तार
येरुशलम के अखबार हारेट्ज में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पद ग्रहण के तीन हफ्ते बाद तक अमेरिकी राष्ट्रपति इस्राइल के प्रधानमंत्री को फोन ना करें, तो इसे इस्राइल की उपेक्षा ही माना जाएगा। रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि अपने निर्वाचन के बाद से बाइडन रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से तीन बार बात कर चुके हैं। लेकिन इस्राइल के साथ जो सर्वोच्च स्तरीय संपर्क हुआ है, वह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और इस्राइली विदेश मंत्री गाबी अशकेनाजी के बीच हुई फोन पर बातचीत है।
इस्राइली मीडिया में बाइडन को रुख को नेतन्याहू के लिए निजी झटका बताया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि नेतन्याहू अतीत में अमेरिकी राष्ट्रपतियों से अपने निजी रिश्ते का जिक्र कर ये संदेश देने की कोशिश करते रहे हैं कि उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच ‘विशेष रिश्ता’ कायम हुआ है। लेकिन बाइडन ने अपने शुरुआती दिनों में उनकी उपेक्षा कर शायद यह संदेश दिया है कि ऐसा कोई खास रिश्ता नहीं है।
बाइडन प्रशासन की दूसरी प्राथमिकताएं उसके लिए ज्यादा अहम हैं। हारेट्ज अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि बाइडन की टीम ने शायद नेतन्याहू को यह संदेश भी दिया है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो निजी कमेस्ट्री उन्होंने बनाई थी, उससे वॉशिंगटन में उनके कद में कोई इजाफा नहीं हुआ।
इस्राइली टीकाकारों के बीच इस बात पर आम सहमति है कि अमेरिका इस्राइल की उपेक्षा नहीं कर सकता। इसलिए देर-सबेर बाइडन का फोन नेतन्याहू के पास आएगा। लेकिन अपने शुरुआती रुख से उन्होंने नेतन्याहू को निजी संदेश दे दिया है। टीकाकारों के मुताबिक बाइडन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता घरेलू मसले खासकर कोरोना महामारी से निपटना और अर्थव्यवस्था को संभालना है।
उसके बाद चीन और रूस की चुनौतियों के प्रति माकूल रणनीति तैयार करना उसकी प्राथमिकता है। इसके बाद पश्चिम एशिया पर उसका ध्यान जाएगा। अमेरिका की पश्चिम एशिया नीति में इस्राइल का महत्व बना रहेगा।
कुछ रिपोर्टों में ध्यान दिलाया गया है कि बाइडन ने भले नेतन्याहू को फोन करने में देर की, लेकिन उनकी टीम ने इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद से संपर्क कायम करने में देर नहीं लगाई है। मोसाद प्रमुख योसी कोहेन से बाइडन टीम का संपर्क बन चुका है।
जानकारों का कहना है कि कोहेन का कद इस्राइल में तेजी से बढ़ा है। नेतन्याहू कोरोना महामारी, भ्रष्टाचार के मुकदमे और अगले चुनाव की तैयारियों में उलझे हुए हैं। इस बीच कोहेन के बारे में धारणा बनी है कि वे न सिर्फ ईरान से जुड़े मसले, बल्कि सभी रणनीतिक मामलों में इस्राइल की मुख्य हस्ती हैं। इसलिए बाइडन प्रशासन भी उनसे संपर्क में है। इससे भी कोहेन का कद बड़ा हुआ है।
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